कुल पेज दृश्य

29 नवंबर 2012

जिंस के मिनी एल्गो सौदों पर रोक का फैसला

जिंस नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने 1 दिसंबर से सूक्ष्म एवं लघु अनुबंधों में एल्गोट्रेडिंग पर रोक लगाने का फैसला किया है। देश के प्रमुख जिंस एक्सचेंजों पर सूक्ष्म एवं लघु अनुबंध छोटे कारोबारी लॉट में चालू हैं। इसका मकसद उन छोटे और सीमांत कारोबारियों को वायदा कारोबार का फायदा मुहैया कराना है, जो बड़े अनुबंधों का ऑर्डर नहीं दे सकते। हालांकि ऐसे अनुबंध छोटे और सीमांत कारोबारियों को आकर्षित नहीं कर पाए हैं। शायद इसकी वजह उनमें जागरूकता का अभाव और उनके पास अन्य जरूरी तकनीक नहीं होना है। एफएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'सूक्ष्म एवं लघु अनुबंध शुरू करते समय हमें उम्मीद थी कि छोटे ट्रेडिंग लॉट और टिक साइज की वजह से छोटे कारोबारियों को वायदा कारोबार का फायदा मिलेगा। लेकिन अब तक इन अनुबंधों में एल्गो ट्रेडिंग का फायदा बड़े कारोूारियों ने ही उठाया है। इसलिए हम इन काउंटरों पर एल्गो ट्रेडिंग बंद कर रहे हैं।' एफएमसी ने सभी राष्ट्रीय स्तर के जिंस एक्सचेंजों को सूचना भेज दी है कि 1 दिसंबर से सूक्ष्म एवं लघु अनुबंधों में ट्रेडिंग बंद की जाए। एल्गो ट्रेडिंग तकनीक आाधारित प्री-प्रोगाम्ड मैथेमेटिकल मॉडल के जरिये होने वाला कारोबार है। इसमें ऑर्डर देने के त्वरित निर्णयों में मानवीय हस्तक्षेप की जरूरत नहीं होती है। यह सिस्टम अपने आप ऑर्डरों निपटाता है। जब तक एक आम कारोबारी को बाजार में गतिविधियों के बारे में पता चलता है और वह पॉजिशन लेने की सोचता है, उससे पहले ही यह सिस्टम लेन-देन पूरा कर देता है, जिससे कारोबारियों को फायदा होता है। एफएमसी ने अब तक जिंसों में एल्गो ट्रेडिंग को न स्वीकृति दी है और ही इस पर रोक लगाई है। इसलिए एल्गो ट्रेडिंग के तहत सदस्यों का पंजीकरण अभी जिंस एक्सचेंजों का ही विशेषाधिकार है। इस समय सभी एक्सचेंज छोटे अनुबंधों में एल्गो ट्रेडिंग की सुविधा मुहैया करवाते हैं। एफएमसी के चेयरमैन रमेश अभिषेक के मुताबिक एल्गो ट्रेडिंग के औपचारिक दिशानिर्देश दिसंबर के पहले पखवाड़े में तैयार किए जाएंगे। हालांकि दिशानिर्देश में एल्गो ट्रेडिंग के लिए पंजीकरण प्राप्त करने को ट्रेडर के लिए योग्यता तय की जाएगी। जिंस एक्सचेंज कृषि व गैर-कृषि जिंसों दोनों के लघु अनुबंधों में एल्गो ट्रेडिंग की सुविधा मुहैया कराते हैं। (BS Hindi)

कोई टिप्पणी नहीं: