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03 नवंबर 2012

विदेश की मजबूत मांग से बासमती निर्यात चमका

आर एस राणा नई दिल्ली चालू वित्त वर्ष 2012-13 के पहले सात महीनों (अप्रैल से अक्टूबर) के दौरान बासमती चावल निर्यात सौदों के रजिस्ट्रेशन में 18.7 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात सौदे 19 लाख टन के हो चुके हैं जबकि मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों (अप्रैल से सितंबर) के दौरान बासमती चावल के निर्यात में 26.66 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 9,054.58 करोड़ रुपये का हुआ है। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि चालू वित्त वर्ष 2012-13 में सऊदी अरब, कुवैत, ईरान, इराक और अमेरिका तथा यूरोपीय देशों की बासमती चावल में आयात मांग अच्छी बनी हुई है। यही कारण है पहले सात महीनों में ही 19 लाख टन बासमती चावल के निर्यात सौदों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 16 लाख टन बासमती चावल के निर्यात सौदों का रजिस्ट्रेशन हुआ था। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष 2012-13 के पहले पांच महीनों (अप्रैल से अगस्त) के दौरान 15 लाख टन बासमती चावल का निर्यात की शिपमेंट भी हो चुकी हैं जबकि पिछले साल की समान अवधि में 12.20 लाख टन की शिपमेंट हुई थी। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में बासमती चावल का कुल निर्यात बढ़कर 35 लाख टन से ज्यादा होने का अनुमान है जबकि वित्त वर्ष 2011-12 में 32.11 लाख टन का निर्यात हुआ था। पिछले दो साल से लगातार बासमती चावल के निर्यात में बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष 2012-13 के पहले छह महीनों (अप्रैल से सितंबर) के दौरान बासमती चावल के निर्यात में मूल्य के हिसाब से 26.66 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान 9,054.58 करोड़ रुपये का बासमती चावल का निर्यात हुआ है। जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 7,148.91 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पूसा-1121 सेला बासमती चावल का भाव 1,100 डॉलर प्रति टन चल रहा है जबकि पारंपरिक बासमती चावल का भाव 1,500 से 1,600 डॉलर प्रति टन है। उत्पादक मंडियों में बासमती धान की आवक शुरू हो गई है जिससे बासमती धान के साथ चावल की कीमतों में भी गिरावट आई है। उत्पादक मंडियों में पूसा-1121 बासमती धान का भाव घटकर 2,000 से 2,300 रुपये और बासमती चावल का भाव 4,200 से 4,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गया है। जुलाई-अगस्त महीने में घरेलू बाजार में पूसा-1121 बासमती चावल की कीमतों में कमी आई थी जबकि इस दौरान रुपये के मुकाबले डॉलर तेज हुआ था जिससे निर्यातकों के मार्जिन में बढ़ोतरी हुई थी। (Business Bhaskar....R S Rana)

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