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25 अक्तूबर 2012

रिकॉर्ड स्तर पर गोल्ड ईटीएफ कारोबार

सोने का भाव चढऩे से आभूषण बनाने वाले परेशान हैं, लेकिन गोल्ड ईटीएफ निवेशकों का दुलारा बन गया है। इस साल सितंबर में निवेशकों ने इसमें रिकॉर्ड 11,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम लगा दी। माना जा रहा है कि त्योहारी मौसम के दौरान अक्टूबर और नवंबर में निवेश और बढ़ जाएगा। गोल्ड ईटीएफ की शुरुआत 2007 में हुई थी और उसके बाद से अब तक निवेशकों की संख्या 80 गुना हो चुकी है। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) से मिले आंकड़ों के मुताबिक इसके तहत लगी रकम पिछले साल के मुकाबले इस साल 37 फीसदी बढ़ी है। इस साल अगस्त में इसमें 10,701 करोड़ और सितंबर में 11,198 करोड़ रुपये लगे, जबकि पिछले साल सितंबर में आंकड़ा केवल 8,173 करोड़ रुपये था। गोल्ड ईटीएफ का औसत डिलिवरी मूल्य भी साल भर में 17 फीसदी बढ़कर 433 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। ऐंजल ब्रोकिंग की नलिनी राव ने बताया कि देश में 14 म्युचुअल फंड गोल्ड ईटीएफ की 25 योजनाएं चला रहे हैं। अब कुछ संपत्ति प्रबंधन कंपनियों ने 10 ग्राम से कम सोना देना शुरू कर दिया है और कुछ एसआईपी के माध्यम से निवेश करा रही हैं, जो छोटे निवेशकों को भा रहा है। ईटीएफ में निवेश से कर में भी फायदा मिलता है क्योंकि उसमें बिक्री कर, मूल्यवद्र्घित कर और प्रतिभूति लेनदेन कर नहीं लगते। इसके अलावा सोने की गुणवत्ता भी खरी होती है। इसमें रिटर्न भी शानदार होता है। पांच साल पहले ईटीएफ शुरू होते वक्त सोना 10,000 रुपये प्रति 10 ग्राम बिक रहा था, लेकिन अब उसकी कीमत 30,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से ज्यादा है। गोल्ड ईटीएफ का कारोबार एनएसई पर होता है, जिसके प्रवक्ता ने बताया कि निवेशक सोने को पहले धातु के रूप में खरीदते थे, लेकिन अब चलन बदल रहा है। अगस्त 2011 में 56,000 लोग ईटीएफ में सौदे कर रहे थे, जिनकी तादाद अब 79,000 हो गई है। इसी कारण एनएसई को धनतेरस और दीवाली पर पिछले साल के मुकाबले दोगुने कारोबार की उम्मीद है। पिछली धनतेरस पर एक्सचेंज ने गोल्ड ईटीएफ में 636.04 करोड़ रुपये का कारोबार दर्ज किया था। उस दिन 24.61 लाख यूनिट के सौदे हुए थे, जो रिकॉर्ड था। इस साल भी अक्षय तृतीया पर गोल्ड ईटीएफ में 608 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था, जो पिछले साल की अक्षय तृतीया के मुकाबले 44 फीसदी अधिक था। (BS Hindi)

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