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08 अक्तूबर 2012

चांदी के कारोबार ने सोने को पीछे छोड़ा

हाजिर और वायदा एक्सचेंजों में जुलाई-सितंबर की तिमाही के दौरान निवेशकों की कारोबारी प्राथमिकता में चांदी ने सोने की पीछे छोड़ दिया। इन दोनों बाजारों में चांदी में आर्बिट्रेज की काफी संभावनाएं थीं, लिहाजा निवेशकों ने चांदी के कारोबार को प्राथमिकता दी। एक ओर जहां मौजूदा वित्त वर्ष में जुलाई की तिमाही में सोने का कुल कारोबार 328385.58 करोड़ रुपये रहा, वहीं सितंबर की तिमाही में यह 2.4 फीसदी उछलकर 336413.33 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। उधर, चांदी का कारोबार इस अवधि में जुलाई के 273201.53 करोड़ रुपये के मुकाबले 54.35 फीसदी की भारी भरकम बढ़ोतरी के साथ 421379.50 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कुछ ऐसा ही रुख स्पॉट एक्सचेंज (एनएसईएल) में भी देखा गया, जहां सोने का कारोबार छह गुना उछलकर जुलाई के 14.61 करोड़ रुपये से बढ़कर सितंबर में 87.94 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सोने के कारोबार में उछाल की आंशिक वजह इस अवधि में इसकी कीमतों में हुई बढ़ोतरी रही। दूसरी ओर चांदी का कारोबार जुलाई के 5.33 करोड़ रुपये के मुकाबले 15 गुना बढ़कर सितंबर मेंं 79.33 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एनएसईएल के प्रबंध निदेशक अंजनी सिन्हा ने कहा, कारोबारियों को हाजिर व वायदा बाजार में आब्रिट्रेज की बड़ी संभावनाएं नजर आईं। हाजिर बाजार मेंं चांदी की कीमतें दिसंबर में डिलिवरी वाले एमसीएक्स के अनुबंध के मुकाबले 1300-1600 रुपये प्रति किलोग्राम कम थीं। इसके परिणामस्वरूप कारोबारियों ने हाजिर में चांदी की बुकिंग कर इसकी डिलिवरी ले ली और फिर इसे वायदा बाजार में बेचकर मुनाफा कमाया। आब्रिट्रेज के ऐसे मौके सोने में उपलब्ध नहीं थे क्योंकि वायदा बाजार में इसकी कीमतें हाजिर के आसपास ही रहीं। ऐसे में कारोबारियों ने मुनाफे के लिए चांदी के कारोबार में दिलचस्पी ली। उदाहरण के लिए 20 जुलाई को चांदी की कीमतें वायदा बाजार में 54573 रुपये प्रति किलोग्राम थीं जबकि हाजिर में यह 52495 रुपये पर उपलब्ध था, इस तरह कारोबारियों को 2078 करोड़ रुपये का भारी मुनाफा मिला। हालांकि इसी दिन सोने में इन दोनों बाजारों के बीच कीमतों का अंतर 883 रुपये प्रति 10 ग्राम था क्योंकि वायदा में यह 29993 रुपये प्रति 10 ग्राम पर मिल रहा था जबकि हाजिर में इशका भाव 29160 रुपये प्रति 10 ग्राम था। इसी तरह 31 अगस्त को चांदी में कीमतों का अंतर 2224 रुपये प्रति किलोग्राम था जबकि सोने में 864 रुपये प्रति 10 ग्राम। 9 व 13 सितंबर को कीमतों का अंतर चांदी में क्रमश: 2955 व 2957 रुपये प्रति किलोग्राम था जबकि सोने में यह अंतर 989 व 695 रुपये प्रति 10 ग्राम का था। कारोबारियों ने इस मौके का फायदा उठाया और एनएसईएल पर बुकिंग कर इन्होंने चांदी की डिलिवरी ले ली। सिन्हा ने कहा, कारोबारियों के पास दिसंबर में एक्सपायर होना वाला अनुबंध भी है और उन्होंने इसे होल्ड कर रखा है। इस बीच, एनएसईएल के आंकड़ों से पता चलता है कि जुलाई में कारोबारियों ने 1020 किलोग्राम चांदी की बुकिंग की और इसकी डिलिवरी ली। जुलाई में एनएसईएल पर 49.12 किलोग्राम सोने का कारोबार हुआ, लेकिन डिलिवरी महज 45.12 किलोग्राम की ही ली गई। सितंबर में हालांकि कारोबारियों व वैयक्तिक निवेशकों ने 273 किलोग्राम सोना बुक किया, लेकिन सिर्फ 86 किलोग्राम की ही डिलिवरी ली। ऐंजल ब्रोकिंग के सहायक निदेशक नवीन माथुर ने कहा, कारोबारी हमेशा ही हाजिर व वायदा बाजार में आर्बिट्रेज के मौके तलाशते रहते हैं। जिस भी जिंस में उन्हें मुनाफा नजर आता है, वे उसमें कूद पड़ते हैं। (BS Hindi)

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