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31 अक्तूबर 2012

कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर में ज्यादा गिरावट नहीं : पवार

केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि वित्त वर्ष २०१२-१३ में कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन पिछले साल जैसा तो नहीं होगा लेकिन यह प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद द्वारा बताए गए अनुमान से बेहतर रहेगा। वित्त वर्ष २०११-१२ के दौरान देश में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर २.८ फीसदी रही थी। इस साल अगस्त माह में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने कहा था कि देश में कमजोर मानसून के कारण चालू वित्त वर्ष के दौरान कृषि क्षेत्र की विकास दर में गिरावट आएगी और यह ०.५ फीसदी तक सिमट सकती है। इस परिषद के अध्यक्ष सी रंगराजन कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि परिषद द्वारा कृषि वृद्धि दर में गिरावट आने का अनुमान सही है। बीते वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था और खाद्यान्न उत्पादन पिछले ६० सालों के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। पिछले साल देश का खाद्यान्न उत्पादन २५७४.४ लाख टन रहा था। पवार ने कहा कि देश के चार राज्यों कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात में कमजोर मानसून के चलते सूखे की स्थिति बनी है लेकिन इस साल देश का खाद्य उत्पादन पिछले पांच सालों के औसत से ठीक रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि मै यह कह सकता हूं कि देश में उत्पादित होने वाले खाद्यान्न के भंडारण के लिए स्टोरेज की समस्या बनी रहेगी। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक खरीफ सीजन में कम मानसून के कारण उत्पादन प्रभावित होगा। मंत्रालय ने अपने प्राथमिक अनुमानों में कहा है कि इस साल खरीफ सीजन में उत्पादन १० फीसदी घटकर ११७१.८ लाख टन रह सकता है। पवार ने उम्मीद जताई है कि रबी सीजन के दौरान कृषि उत्पादन अच्छा प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि इस महीने गेहूं की बुवाई शुरू हुई है और मिट्टी में पर्याप्त नमी है। इसलिए इस बात की पूरी उम्मीद है कि पंजाब, हरियाणा, यूपी, गुजरात और राजस्थान व मध्य प्रदेश में गेहूं की अच्छी बुवाई होगी। मंत्रालय ने इस साल रबी सीजन के दौरान १२०० लाख टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। (Business Bhaskar)

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