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10 सितंबर 2012

नए सीजन में कॉटन की कीमत ज्यादा घटने की संभावना नहीं

नए सीजन की शुरूआत में पिछला बकाया स्टॉक भी कम रहेगा विदेशी बाजार 75.50 सेंट प्रति पाउंड पर कॉटन बिक रही है एनबॉट में 110.24 सेंट भाव चल रहा था पिछले साल इन दिनों फिलहाल नरमी - स्टॉकिस्टों की बिकवाली से महीनेभर में कॉटन की कीमतों में 2,500 रुपये की गिरावट आई है। 9 अगस्त को अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कॉटन का भाव 38,500 से 39,000 रुपये प्रति कैंडी था जो आठ सितंबर को घटकर 36,000 से 36,500 रुपये प्रति कैंडी रह गया। गुजरात के साथ उत्तर भारत में बुवाई कम होने से कॉटन (जिनिंग की हुई रुई) की पैदावार करीब 25 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) घटने की आशंका है। वर्ष 2011-12 में देश में 352 लाख गांठ कपास की पैदावार हुई थी। इस हिसाब से चालू सीजन में कॉटन का कुल उत्पादन घटकर करीब 327 लाख गांठ रह सकती है। हालांकि स्टॉकिस्टों की बिकवाली से महीने भर में कॉटन की कीमतों में 2,500 रुपये की गिरावट आकर भाव 36,000 से 36,500 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) रह गए हैं। लेकिन नए सीजन के समय पिछला बकाया स्टॉक कम रहने और नए सीजन के उत्पादन में गिरावट से कीमतों में ज्यादा गिरावट की संभावना नहीं है। नॉर्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश राठी ने बताया कि उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा, और राजस्थान में चालू खरीफ में कपास की बुवाई में कमी आई है। राजस्थान में पिछले साल के 5.30 लाख हैक्टेयर से घटकर 4.49 लाख हैक्टेयर में, पंजाब में 5.60 लाख हैक्टेयर से घटकर 5.16 लाख हैक्टेयर में तथा हरियाणा में 6.05 लाख हैक्टेयर के मुकाबले 6.03 लाख हैक्टेयर में कपास की बुवाई है। इन राज्यों में कॉटन की पैदावार 7-8 लाख गांठ कम होने का अनुमान है। गुजरात जिनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दलीप पटेल ने बताया कि गुजरात में सूखे जैसे हालात बनने से कॉटन की बुवाई में काफी कमी आई है। राज्य में कपास की बुवाई चालू खरीफ में 23.63 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल 29.59 लाख हैक्टेयर में हुई थी। वर्षा की कमी से बुवाई हो चुकी फसल को भी नुकसान हुआ है। ऐसे में राज्य में कॉटन की पैदावार 15 से 17 लाख गांठ कम होने की आशंका है। हालांकि स्टॉकिस्टों की बिकवाली से महीनेभर में कॉटन की कीमतों में 2,500 रुपये की गिरावट आई है। 9 अगस्त को अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कॉटन का भाव 38,500 से 39,000 रुपये प्रति कैंडी था जो आठ सितंबर को घटकर 36,000 से 36,500 रुपये प्रति कैंडी रह गया। उधर, पंजाब में मुक्तसर कॉटन प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर नवीन ग्रोवर ने बताया कि कॉटन एडवायजरी बोर्ड ने नए सीजन के शुरू में 28 लाख गांठ कपास का बकाया स्टॉक बचने का अनुमान लगाया है जबकि पैदावार में भी कमी आएगी। इसलिए इसकी कीमतों में और ज्यादा गिरावट की संभावना नहीं है। उन्होंने बताया कि न्यूयॉर्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में अक्टूबर महीने के वायदा अनुबंध में कॉटन की कीमतें 75.50 सेंट प्रति पाउंड चल रही है जो पिछले साल की समान अवधि के 110.24 सेंट प्रति पाउंड से कम हैं। निर्यात में इस समय बंगलादेश और इंडोनेशिया की थोड़ी बहुत मांग है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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