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13 सितंबर 2012

कृषि जिंसों का निश्चित मात्रा में निर्यात जारी रखने की तैयारी

बिजनेस ब्यूरो | Sep 12, 2012, 02:08AM IST * आर्टिकल Email Print Comment  चीनी, गेहूं व चावल का निर्यात आगे भी जारी रखने के संकेत निर्यात पर नई सोच - यह ठीक नहीं है कि हम कुछ वर्षों तक किसी कमोडिटी का निर्यात करते हैं और फिर अनायास उसे रोक देते हैं। निश्चित मात्रा में चावल, गेहूं व चीनी निर्यात करने की अनुमति देने के बारे में वाणिज्य मंत्रालय से विचार विमर्श किया जा रहा है। -के. वी. थॉमस केंद्रीय खाद्य मंत्री नियंत्रण मुक्त चीनी - डिकंट्रोल पर रंगराजन कमेटी ने अपने रिपोर्ट तैयार कर ली है और जल्दी ही रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंप दी जाएगी। रिपोर्ट को मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया जा सकेगा। वैश्विक बाजार में स्थाई निर्यातक बनने के लिए सरकार एग्री कमोडिटी के निर्यात की न्यूनतम मात्रा तय करने के बारे विचार कर रही है। केंद्रीय खाद्य मंत्री के. वी. थॉमस ने कहा है कि सरकार कृषि उपजों की निर्यात व आयात नीति में स्थिरता लाने का प्रयास कर रही है। थॉमस ने ने यहां चीनी पर चौथी कांफ्रेस में कहा कि चीनी, गेहूं व चावल जैसी कुछ कृषि उपजों की निर्यात-आयात नीति में स्थिरता लाने के लिए हम एक तंत्र विकसित करने पर विचार कर रहे हैं। यह ठीक नहीं है कि हम कुछ वर्षों तक किसी कमोडिटी का निर्यात करते हैं और फिर अनायास उसे रोक देते हैं। निश्चित मात्रा में चावल, गेहूं व चीनी निर्यात करने की अनुमति देने के बारे में वाणिज्य मंत्रालय से विचार विमर्श किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निर्यात में स्थिरता आने से किसान और उद्योग दोनों को ही सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि इन तीनों कमोडिटी के मामले में मौजूदा निर्यात नीति आगे भी जारी रहेगी। इस साल 31.5 लाख टन चीनी का निर्यात हो चुका है। इसके अलावा सितंबर 2011 से 25 लाख टन गेहूं और 40 लाख टन गैर बासमती चावल का भी निर्यात हो चुका है। सितंबर 2011 में ही सरकार ने गेहूं व चावल के निर्यात पर लगी रोक हटाई थी। चीनी उद्योग के डिकंट्रोल पर थॉमस ने कहा कि इस उद्योग के नियमों पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। डिकंट्रोल पर रंगराजन कमेटी ने अपने रिपोर्ट तैयार कर ली है और जल्दी ही रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंप दी जाएगी। रिपोर्ट को मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया जा सकेगा। चीनी उद्योग में गन्ना उपज से लेकर चीनी वितरण तक सरकार का कड़ा नियंत्रण है। थॉमस ने अगले सीजन में चीनी उत्पादन पर कहा कि देश में खपत के लिए पर्याप्त मात्रा में चीनी का उत्पादन होने की संभावना है। घरेलू खपत पूरी करने के बाद भी हमारे पास निर्यात के लिए कुछ मात्रा में चीनी बचेगी। लेकिन सरकार राज्यों के गन्ना आयुक्तों के साथ बातचीत करने के बाद इस महीने के अंत में चीनी उत्पादन के बारे में पहले अनुमान लगाएगी। चालू माह सितंबर में समाप्त हो रहे मार्केटिंग वर्ष 2011-12 के दौरान देश में 260 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है जबकि देश में खपत करीब 220-230 लाख टन रहती है। (Business Bhaskar)

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