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20 अगस्त 2012

यूरिया समेत कई उर्वरकों का आयात हुआ महंगा

दाम बढऩा तय आयातित रासायनिक उर्वरकों पर शुल्क बढऩे से इनके खुदरा मूल्यों में बढ़ोतरी तय है लेकिन अभी यह तय करना बाकी है कि बढ़े शुल्क का भुगतान सब्सिडी से होगा या किसानों पर डाला जाएगा इसका बोझ रासायनिक उर्वरकों के आयात पर लगाई गई एक फीसदी सीवीडी मुख्य वजह मानसून की बेरुखी की मार झेल रहे किसानों पर एक और बोझ पडऩे वाला है। यह बोझ रासायनिक उर्वरकों की कीमतों में वृद्धि के रूप में पड़ सकता है। दरअसल, केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने यूरिया और जल में घुलनशील रासायनिक उर्वरकों समेत कुछ उर्वरकों पर एक फीसदी एड वोलेरम (मूल्यानुसार) काउंटरवेलिंग ड्यूटी (सीवीडी) लगा दी है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि खेती में खनिज पदार्थों के पूरक के रूप में उपयोग किए जाने वाले म्यूरेट ऑफ पोटाश, अमोनियम फास्फेट, जल में घुलनशील उर्वरक (पोटेशियम नाइट्रेट, कैल्सियम नाइट्रेट, मोनो अमोनियम फास्फेट, मोनो पोटेशियम फास्फेट, एनपीके उर्वरक, पोटेशियम मैग्निशियम सल्फेट आदि), यूरिया, पोटेशियम सल्फेट और डाई अमोनियम फास्फेट पर एक फीसदी काउंटरवेलिंग ड्यूटी (सीवीडी) लगा दी गई है। शुल्क की गणना एड वोलेरम होगी। इस बारे में बीते शुक्रवार को ही अधिसूचना जारी कर दी गई है। मालूम हो कि धान और गन्ना उत्पादन में दुनिया में नंबर वन स्थान पर पहुंच गए भारत में रासायनिक उर्वरकों की खपत तेजी से बढ़ी है, लेकिन उस हिसाब से यहां उर्वरकों का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। भारतीय उर्वरक निगम के सिंदरी, बरौनी, गोरखपुर समेत कई कारखानों के बंद होने से भी आयात पर निर्भरता बढ़ रही है। इस समय देश में इस्तेमाल होने वाले कुल उर्वरकों में यूरिया की हिस्सेदारी 50 फीसदी है, जबकि अन्य उर्वरकों में डीएपी प्रमुख है। इसकी खपत हर वर्ष तकरीबन पांच फीसदी की दर से बढ़ रही है। पिछले वर्ष कुल खपत में से 27 फीसदी यूरिया और 68 फीसदी डीएपी का आयात किया गया था। आयातित रासायनिक उर्वरकों पर शुल्क बढऩे से इनके खुदरा मूल्यों में बढ़ोतरी तय है। हालांकि, अभी सरकार को यह तय करना होगा कि बढ़े शुल्क का भुगतान सब्सिडी से होगा या फिर किसानों के लिए मूल्य बढ़ाया जाएगा। यदि किसानों के लिए मूल्य बढ़ाए जाएंगे तो इसे लागू करना थोड़ा कठोर निर्णय हो जाएगा क्योंकि इस समय मानसून की बेरुखी की वजह से सही तरीके से फसलों की बुवाई नहीं हो पाई है। (Business Bhaskar)

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