कुल पेज दृश्य

21 जुलाई 2012

उत्पादन में कटौती नहीं कर रहीं देसी एल्युमीनियम कंपनियां

लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) में एल्युमीनियम की बेंचमार्क कीमतें उत्पादन लागत से नीचे आने के बावजूद देश में धातु का उत्पादन करने वाली कंपनियां कम से कम मौजूदा वित्त वर्ष में उत्पादन में कटौती से बच रही हैं। इन कंपनियों को लगता है कि साल की दूसरी छमाही में इसकी कीमतों में सुधार होगा। यह रुख वैश्विक स्तर पर एल्युमीनियम का उत्पादन करने वाली प्रमुख कंपनियों अल्कोआ, रसल, नॉस्र्क हाइड्रो और रियो टिंटो से अलग है, जिन्होंने घाटे के बोझ को कम करने के लिए उत्पादन में कुल मिलाकर करीब 18 लाख टन की कटौती का ऐलान किया है। अपनी मौजूदा क्षमता के साथ उत्पादन जारी रखने का भारतीय एल्युमीनियम कंपनियों का फैसला काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि कीमतों में और गिरावट से यह उनके लिए अनुपयुक्त हो जाएगा। कीमतों में स्थिरता और वैश्विक बाजार में इसमें बढ़ोतरी की उम्मीद ने उन्हें इस तरह का फैसला लेने में मदद की है। बार्कलेज की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में एल्युमीनियम उत्पादन की औसत लागत करीब 2030 डॉलर प्रति टन बैठती है। एक ओर जहां नालको की उत्पादन लागत 1920 डॉलर है, वहीं हिंडाल्को और बालको की उत्पादन लागत क्रमश: 1900 व 2000 डॉलर प्रति टन है। अनिल अग्रवाल द्वारा नियंत्रित कंपनी वेदांत एल्युमीनियम की उत्पादन लागत हालांकि 2300-2400 डॉलर प्रति टन के बीच है, जो बाकी कंपनियों के मुकाबले ज्यादा है। ऐसा इसलिए है क्योंंकि कंपनी खुले बाजार से बॉक्साइट व एल्युमिना की खरीद करती है। कंपनी ने ओडिशा माइनिंग कंपनी से बॉक्साइड खरीद के लिए लंबी अवधि का अनुबंध किया है, लेकिन ओएमसी के लांजीगढ़ खनन स्थल पर स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। वेदांता एल्युमीनियम लिमिटेड के सीईओ डॉ. मुकेश कुमार ने कहा - मुझे उम्मीद है कि मौजूदा वित्त वर्ष के आखिर तक बॉक्साइट का मुद्दा सुलझ जाएगा, ऐसे में फिलहाल उत्पादन में कटौती की कोई योजना नहीं है। इस बीच, एलएमई पर एल्युमीनियम की बेंचमार्क कीमतें 21 जून को 1900 डॉलर से नीचे चली गई थीं और खपत वाले उद्योगों की तरफ से मांग के अभाव में यह लगातार 1850 और 1910 डॉलर के बीच झूल रही है। वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में नरमी के चलते खपत वाले क्षेत्रों मसलन ट्रांसपोर्ट, पैकेजिंग और निर्माण क्षेत्र में निवेश घटा है, जहां कुल वैश्विक उत्पादन का करीब 70 फीसदी खप जाता है। वैश्विक स्तर पर कुल 420 लाख टन एल्युमीनियम का उत्पादन होता है। एलएमई पर पिछले एक साल में कीमतें 1480 डॉलर प्रति टन के स्तर से 26 फीसदी नरम हुई हैं। (BS Hindi)

कोई टिप्पणी नहीं: