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27 जुलाई 2012

पवार की पावर से महंगाई पर फैसला टला

चीनी पर स्टॉक लिमिट लगाकर कीमतों को नियंत्रित करने की कोशिश की जाएगी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को देश के कुछ हिस्सों में सूखे जैसी स्थिति और कीमतों पर इसके असर का जायजा लिया। - के वी थॉमस खाद्य व उपभोक्ता मामला मंत्री क्या हुआ राकांपा और कांग्रेस के बीच सप्ताह भर चले गतिरोध के खत्म होने पर कृषि मंत्री पवार गुरुवार को अपने मंत्रालय पहुंचे क्या किया गया पवार के आते ही महंगाई पर फैसला अगले हफ्ते तक के लिए टाल दिया गया, इस पर गुरुवार को ही निर्णय होने की आशा थी और इंतजार अब 31 जुलाई को सूखे पर गठित ईजीओएम की बैठक के बाद ही महंगाई थामने के मसले पर फैसला होने की संभावना गुरुवार का घटनाक्रम * सुबह 11 बजे : थॉमस ने कृषि सचिव, आईएमडी के महानिदेशक, प्रौद्योगिकी सचिव, खाद्य सचिव और उपभोक्ता मामला मंत्रालय के सचिव के साथ बैठक की * सुबह 11:30 बजे : थॉमस ने एफएमसी चेयरमैन रमेश अभिषेक से वायदा कारोबार में कृषि जिंसों की कीमतों में आई तेजी पर विचार-विमर्श किया * दोपहर 1२:00 बजे : शरद पवार ने थॉमस और कृषि व खाद्य मंत्रालय के अलावा आईएमडी अधिकारियों के साथ बैठक की फिर इसके बाद तय प्रेस कांफेंरस रद्द कर दी गई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के बीच सप्ताह भर चले गतिरोध के समाप्त होने पर कृषि मंत्री शरद पवार गुरुवार को अपने मंत्रालय पहुंचे, लेकिन उनके आते ही महंगाई पर फैसला अगले हफ्ते तक के लिए टाल दिया गया। इस पर फैसला अब 31 जुलाई को सूखे पर गठित उच्चाधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह (ईजीओएम) की बैठक के बाद होने की संभावना है। खराब मानसून के कारण देश के कई हिस्सों में सूखे जैसी स्थिति बनने से खाद्यान्न की कीमतों में महीने भर में ही 20 से 25 फीसदी की तेजी आ चुकी है। ऐसे में महंगाई से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने गुरुवार को कुछ कड़े कदम उठाने की योजना बनाई थी। इसके लिए दोपहर साढ़े तीन बजे प्रेस कांफें्रस का आयोजन भी किया जाना था। खाद्य एवं उपभोक्ता मामला मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रो. के वी थॉमस ने महंगाई और मानसून पर गुरुवार सुबह कृषि सचिव, भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी सचिव, खाद्य सचिव और उपभोक्ता मामला मंत्रालय के सचिव के साथ बैठक भी की। यही नहीं, थॉमस ने वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) के चेयरमैन रमेश अभिषेक से भी वायदा कारोबार में कृषि जिंसों की कीमतों में आई तेजी पर विचार-विमर्श किया। लेकिन इसके बाद कृषि मंत्री शरद पवार मंत्रालय पहुंचे और उन्होंने थॉमस और कृषि तथा खाद्य एवं उपभोक्ता मामला मंत्रालय के अलावा आईएमडी अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद ही प्रेस कांफ्रेंस रद्द कर दी गई। कृषि मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि 31 जुलाई को सूखे पर गठित ईजीओएम की बैठक होगी। उसके बाद ही कोई फैसला किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मानसून से प्रभावित राज्यों से मौजूदा स्थिति पर जानकारी मांगी गई है ताकि स्थिति का आकलन किया जा सके। थॉमस ने कहा कि देश के कई राज्यों में मानसूनी बारिश सामान्य से कम होने के कारण चीनी और गेहूं की कीमतों में तेजी आई है। चीनी पर स्टॉक लिमिट लगाकर कीमतों को नियंत्रित करने की कोशिश की जाएगी। एफएमसी के चेयरमैन रमेश अभिषेक ने कहा कि कीमतों में आई तेजी से हम पहले से ही सतर्क हो गए हैं। इस पर कड़ी नजर रखी जा रही है कि वायदा बाजार के निवेशक हाजिर बाजार में जिंसों के दाम प्रभावित नहीं कर सकें। आईएमडी के महानिदेशक डॉ. एल एस राठौर ने कहा कि उत्तर-पश्चिम भारत के अलावा गुजरात में भी मानसूनी बारिश की कमी चिंता का विषय है। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में सामान्य से कम वर्षा हुई है, लेकिन आने वाले दिनों में इन राज्यों में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है। इससे बारिश में कमी का अंतर कुछ घटने की संभावना है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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