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19 जुलाई 2012

गन्ने का एफआरपी 170 रुपये तय होने के आसार

आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) गुरुवार को गन्ने के खरीद मूल्य पर विचार करेगी। सीसीईए अगले मार्केटिंग सीजन 2012-13 के लिए चीनी मिलों द्वारा किसानों से गन्ना खरीद का मूल्य 17 फीसदी बढ़ाकर 170 रुपये प्रति क्विंटल तय कर सकती है। सूत्रों ने बताया कि सीसीईए की बैठक गुरुवार को होगी। इसमें गन्ने का फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस (एफआरपी) तय करने पर विचार करेगी। सरकार ने अगले अक्टूबर से शुरू होने वाले नए सीजन के लिए एफआरपी तय करेगी। केंद्र सरकार हर साल गन्ना का एफआरपी घोषित करती है। चीनी मिलें एफआरपी से कम मूल्य पर किसानों से गन्ना नहीं खरीद सकती हैं। मौजूदा सीजन के शुरू में गन्ने का एफआरपी 145 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया था। कृषि मूल्य एवं लागत आयोग (सीएसीपी) ने गन्ना उगाने की बढ़ती लागत को देखते हुए एफआरपी 17.25 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश की थी। खाद्य मंत्रालय ने सीएसीपी की सिफारिश स्वीकार करके एफआरपी में वृद्धि के लिए कैबिनेट नोट बनाकर भेजा है। केंद्र द्वारा घोषित एफआरपी के अलावा राज्य सरकार अपने स्तर पर एसएपी की भी घोषणा करती हैं। उत्तर प्रदेश, और तमिलनाडु जैसी राज्य सरकारें एफआरपी से ऊंची दर पर एसएपी तय करती हैं। उस राज्य में मिलों को एसएपी पर किसानों से गन्ना खरीद करनी होती है। उत्तर प्रदेश ने मौजूदा सीजन के शुरू में 250 रुपये प्रति क्विटंल एसएपी तय किया था। (Business bhaskar)

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