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04 जून 2012

निर्यात मांग घटने से इलायची में और गिरावट के आसार

कीमतों में 10 से 12 फीसदी और गिरावट की संभावना

अंतरराष्ट्रीय बाजार में ग्वाटेमाला के मुकाबले भारतीय इलायची का दाम ऊंचा है तथा ग्वाटेमाला के पास स्टॉक भी ज्यादा है। इसीलिए भारत से इलायची की निर्यात मांग पहले की तुलना में कम हो गई। ऐसे में घरेलू बाजार में इलायची की मौजूदा कीमतों में 10 से 12 फीसदी की और गिरावट आने की संभावना है।

सेमैक्स एजेंसी के मैनेजिंग डायरेक्टर एम बी रुबारल ने बताया कि ग्वाटेमाला के मुकाबले भारतीय इलायची का दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में 18 से 23 डॉलर प्रति किलो है जबकि ग्वाटेमाला का भाव 14 से 17 डॉलर प्रति किलो है। इसीलिए भारत से इलायची की निर्यात मांग पहले की तुलना में कम हो गई है। ग्वाटेमाला में चालू सीजन में इलायची की पैदावार करीब 20,000 टन की हुई है जिसमें से 12,000 से 13,000 टन का ही निर्यात हुआ है।

इलायची उत्पादक संघ के सचिव के के देवसिया ने बताया कि उत्पादक केंद्रों पर 3,500 से 4,000 टन इलायची का स्टॉक बचा हुआ है जबकि अगस्त महीने में नई फसल की आवक शुरू हो जायेगी। ऐसे में नीलामी केंद्रों पर इलायची की आवक पहले की तुलना में बढ़ गई है जिससे गिरावट को बल मिल रहा है।

भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित्त वर्ष 2011-12 के पहले दस महीनों में 3,900 टन इलायची का निर्यात हुआ है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 391 फीसदी ज्यादा है। पिछले साल की समान अवधि में 795 टन का निर्यात हुआ था।

अग्रवाल स्पाइसेज के पार्टनर अरुण अग्रवाल ने बताया कि नीलामी केंद्रों पर साढ़े छह एमएम की इलायची का भाव घटकर 700-740 रुपये, सात एमएम की इलायची का 800-840 रुपये, साढ़े सात एमएम का भाव 900-1,000 रुपये और आठ एमएम का भाव 1,050-1,100 रुपये प्रति किलो रह गया है। सप्ताहभर में इसकी कीमतों में 100 से 150 रुपये प्रति किलो की गिरावट आई है।

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर जुलाई महीने के वायदा अनुबंध में पिछले 9 दिनों में इलायची की कीमतों में 3.7 फीसदी की गिरावट आई है। 22 मई जुलाई महीने के वायदा अनुबंध में इलायची का भाव 1,340 रुपये प्रति किलो था जबकि शुक्रवार को भाव घटकर 1,292 रुपये प्रति किलो रह गया। (Business Bhaskar)

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