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23 जून 2012

गिरते रुपये में फंसा सर्राफा कारोबार

गिरते रुपये के कारण भारत में सर्राफा कीमतें काफी ऊंची बनी हुई हैं, जबकि वैश्विक स्तर पर इसकी कीमतों में भारी गिरावट आई है। इसके कारण देश में सर्राफा कारोबार लगभग रुक सा गया है, क्योंकि मांग नहीं निकल रही है। घरेलू बाजार में बड़े खरीदार ताजा खरीदारी से दूरी बनाए हुए हैं, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि रुपये में मामूली सुधार से भी उन्हें लगातार ऊंची बनी हुई कीमतों से काफी राहत मिलेगी। इसके कारण भारतीय आभूषणों के आयातक भी अपनी खरीदारी को टाल रहे हैं। बड़े कारोबारी बाजार से दूरी बनाए हुए हैं, क्योंकि वे उम्मीद कर रहे हैं कि आरबीआई द्वारा रुपये को सहारा देने के लिए कड़े उपायों की घोषणा की जा सकती है। इससे डॉलर के मुकाबले रुपये के मजबूत होने का अर्थ है कि सोने की कीमतें इस स्तर से नीचे जाएंगी। कारोबारियों की अनुपस्थिति से मांग में भारी गिरावट आई है और केवल वही खरीदारी है, जो बहुत जरूरी है। ऑल इंडिया जेम्स ऐंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन (जीजेएफ) के चेयरमैन बच्छराज बामलवा के मुताबिक कुल मिलाकर सोने की मांग पिछले एक महीने में 30 से 50 फीसदी घटी है। इसकी वजह बड़े उपभोक्ताओं की ओर से थोक खरीद का अभाव है। बड़े उपभोक्ता वे हैं जो बड़ी मात्रा में सोने की खरीद कर खुदरा बिक्री के लिए उपलब्ध कराते हैं। ये अपना सोना आभूषण निर्माताओं, स्पॉट ट्रेडर्स, गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) के प्रदाता को बेचते हैं। इन कारोबारियों ने कुछ समय के लिए नए ऑर्डर रद्द कर दिए हैं या खरीदारी की मात्रा कम से कम आधी कर दी है। खुदरा उपभोक्ता भी फिलहाल रुक कर इंतजार करने की रणनीति अपना रहे हैं क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि बैंकिंग क्षेत्र का नियामक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) रुपये को और गिरने से रोक सकेगा। अगर ऐसा होता है तो सोना समेत आयातित जिंसों का मूल्य घट जाएगा जो फिलहाल रुपये की कमजोरी के कारण काफी बढ़ गया है। इस तरह उपभोक्ताओं को खुद-ब-खुद थोड़ी राहत मिल जाएगी। शुक्रवार को दिन के कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया अपने सबसे निचले स्तर 57.33 पर पहुंच गया था जिसके बाद वह 57.16 रुपये पर बंद हुआ। गुरुवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 56.31 रुपये पर बंद हुआ था। मई 2011 में भारतीय मुद्रा का औसत 44.9 था। बामलवा ने कहा, 'पिछले एकाध दिनों में वैश्विक बाजार में सोना घटकर 65 से 70 डॉलर तक पहुंच गया है जो रुपये के संदर्भ में प्रति 10 ग्राम कम से कम 1100 रुपया होता। हालांकि भारतीय मुद्रा में रिकॉर्ड कमजोरी की वजह से सोने की कीमतों में गिरावट प्रति 10 ग्राम 300 से 400 रुपये तक ही सीमित रह गई है। रुपये का मूल्य बढ़ते ही हम सोने की कीमतों में और गिरावट देख सकते हैं।' शुक्रवार को मुंबई बाजार में सोना प्रति 10 ग्राम 125 रुपया घटकर 29,940 रुपये पर बंद हुआ। 9 दिनों के बाद पहली बार सोना 30,000 रुपये के स्तर से नीचे बंद हुआ है। साल 2011 में सोने का आयात 969 टन था, मगर मार्च में रॉयटर्स के एक सर्वे के मुताबिक 2012 में सोने का आयात घटकर 655 टन रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। जेम्स ऐंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन राजीव जैन ने बताया, 'मौजूदा वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में विकास सुस्त रहने के कारण फिलहाल स्थानीय और विदेशी दोनों ही बाजारों के लिए मांग कमजोर रही है। रुपये की कमजोरी के कारण सोना, चांदी और हीरा समेत सभी कच्चे माल की लागत बढ़ गई है। इस तरह आभूषण के भाव बढ़ गए हैं। दुनिया भर में उपभोक्ता कीमतें नीचे आने की उम्मीद में नए ऑर्डर फिलहाल टालते नजर आ रहे हैं।' (BS Hindi)

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