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16 जून 2012

हरियाणा में धान की बुआई शुरू

रियाणा में आज धान की बुआई शुरू हो गई और राज्य में इस साल 12 लाख हेक्टेयर में इसकी बुआई की संभावना है। पिछले साल धान का रकबा 12.35 लाख हेक्टेयर था। राज्य के कृषि अधिकारी धान का लक्षित रकबा हासिल करने के प्रति आत्मविश्वास से लबरेज नजर आए। चावल निर्यातकों को लगता है कि केंद्र सरकार की तररफ से बेहतर समर्थन मूल्य घोषित किए जाने के चलते धान की सामान्य किस्म की बुआई में बढ़ोतरी हो सकती है। सरकार ने धान की सामान्य किस्म की एमएसपी 1250 रुपये प्रति क्विंटल तय की है जबकि ए श्रेणी के धान का समर्थन मूल्य 1280 रुपये प्रति क्विंटल होगा। नया समर्थन मूल्य पिछले साल के एमएसपी के मुकाबले 170 रुपये की बढ़ोतरी को प्रतिबिंबित करता है। साल 2011-12 में एमएसपी में 80 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई थी।
हरियाणा में बासमती का रकबा पिछले कुछ सालों में बढ़ा है क्योंकि इसमें लाभकारी कीमतें मिलती हैं। धान की सामान्य किस्म के रकबे में बढ़ोतरी की दूसरी वजह यह है कि पिछले साल कम कीमतों के चलते बासमती किसानों को नुकसान उठाना पड़ा था।
मॉनसून की चिंता?
कमजोर मॉनसून का असर धान की बुआई पर पड़ सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक, पिछले हफ्ते तक मॉनसून की बारिश में 50 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। चावल निर्यातकों का कहना है कि जुलाई के पहले हफ्ते तक मॉनसून का धान पर काफी कम असर होगा, लेकिन अगर उस समय तक भी मॉनसून नाकाम रहता है तो इसका असर खरीफ फसलों पर पड़ सकता है।
चूंकि बासमती के उत्पादन में कम पानी की दरकार होती है, लिहाजा अगर जुलाई में भी मॉनसून कमजोर रहा तो बासमती के रकबे में इजाफा हो सकता है। (BS Hindi)

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