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02 मई 2012

गेहूं किसान मजबूर बिचौलियों की चांदी

अजब खेल
परेशान किसान एमएसपी से कम पर बेच रहे गेहूं
बिचौलिए ऊंचे भाव पर बेच कमा रहे हैं मुनाफा

उत्तर प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद की समुचित व्यवस्था नहीं होने से राज्य के किसानों को मजबूरन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 125 से 185 रुपये प्रति क्विंटल नीचे अपनी उपज बेचनी पड़ रही है। बिचौलिये कम दाम पर गेहूं खरीद कर पड़ोसी राज्य हरियाणा के सरकारी खरीद केंद्रों पर बेच कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।

चालू विपणन सीजन के लिए गेहूं का एमएसपी 1,285 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन यूपी में खरीद की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण बिचौलिये किसानों से 1,100-1,165 रुपये प्रति क्विंटल के भाव खरीद कर रहे हैं। यही बिचौलिए हरियाणा में एमएसपी पर गेहूं बेच रहे हैं और राज्य के आढ़तियों से मिलीभगत कर 2.5 फीसदी कमीशन भी ले रहे हैं।

इस कारण चालू विपणन सीजन में हरियाणा में अभी तक एमएसपी पर 68.80 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। यूपी में अभी तक केवल 6.33 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो पाई है। प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि किसानों को एमएसपी से कम पर गेहूं न बेचना पड़े इसलिए राज्य सरकार ने गेहूं की खरीद में आढ़तियों को भी शामिल किया है। निजी कंपनियों से भी गेहूं खरीद की बात चल रही है।

उत्तर प्रदेश में इस बार 300 लाख टन से ज्यादा गेहूं उत्पादन का अनुमान है। बंपर उत्पादन के बावजूद राज्य सरकार ने एमएसपी पर केवल 42 लाख टन खरीद का लक्ष्य तय किया है। अलीगढ़ जिले के नंगला का देवा गांव के किसान भगवती प्रसाद ने बताया कि उन्होंने 80 क्विंटल गेहूं व्यापारी को 1,100 से 1,150 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बेचा है।

व्यापारी ने सीधे खेत से खरीदा और तत्काल भुगतान कर दिया। गौतमबुद्धनगर जिले के गांव चिरौली के किसान रतन सिंह ने भी व्यापारी को 50 क्विंटल गेहूं 1,150 से 1,175 रुपये की दर से बेचा। सरकारी खरीद केंद्रों पर गेहूं में नमी, बारदाने की कमी और कागजात के बहाने परेशान किया जा रहा है। (Business Bhaskar...R S Rana)

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