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28 फ़रवरी 2012

पीडीएस में सस्ती दालों की बिक्री बंद करने की तैयारी

बिजनेस भास्कर दिल्ली

एक तरफ जहां सरकार देश की 64 फीसदी जनता को सस्ता खाद्यान्न देने के लिए प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक के लिए प्रयासरत है वहीं दूसरी तरफ गरीबों को आवंटित की जाने वाली सब्सिडी युक्त दालों का आवंटन बंद करने जा रही है। ऐसे में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत सस्ती दालों का वितरण बंद हो जाएगा। वह भी ऐसे समय में, जब दलहन उत्पादन लगभग 10 लाख टन घटने का अनुमान है। सस्ती दालों के उठान में राज्यों की दिलचस्पी कम होने के चलते सरकार इसका आवंटन बंद करने जा रही है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला खाद्य मामलों के उच्चाधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह (ईजीओएम) की बैठक में ही होगा।
उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पीडीएस में आवंटन के लिए इस समय केवल छह राज्य ही दालों का उठान कर रहे हैं। इसीलिए मंत्रालय ने पीडीएस में आवंटित की जाने वाली दालों का आयात बंद करने की सिफारिश की है। इसका निर्णय ईजीओएम की आगामी बैठक में होने की संभावना है। सीमित उठान होने के कारण कंपनियां भी पीडीएस में आवंटन के लिए दलहन आयात में बेरुखी बरत रही हैं। चालू वित्त वर्ष 2011-12 के पहले आठ महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान पीडीएस में आवंटन के लिए सार्वजनिक कंपनियों ने केवल 76,000 टन दलहन का ही आयात किया जबकि वित्त वर्ष 2010-11 के दौरान 2.6 लाख टन दालों का आयात किया गया था।
पीडीएस में आवंटन के लिए सरकार ने चार सार्वजनिक कपंनियों एसटीसी, एमएमटीसी, पीईसी और नेफेड को अधिकृत किया हुआ है तथा पीडीएस के तहत आवंटन के लिए सार्वजनिक कंपनियों को सरकार आयातित दालों पर 10 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी देती है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2010-11 में पीडीएस में आवंटन के लिए 12 राज्यों ने दालों का उठान किया था। इस दौरान सार्वजनिक कपंनियों ने 2.6 लाख टन दलहन का आयात किया था। वित्त वर्ष 2009-10 में पीडीएस में आवंटन के लिए सार्वजनिक कंपनियों ने 2.5 लाख टन दालों का आयात किया था तथा इस दौरान 10 राज्यों ने दालों का उठान किया था।
कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार वर्ष 2011-12 में देश में दलहन उत्पादन 172.8 लाख टन होने का अनुमान है जबकि वर्ष 2010-11 में 182.4 लाख टन का उत्पादन हुआ था। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर तक देश में दलहन का कुल आयात 16.59 लाख टन हो चुका है जो पिछले साल की समान अवधि के 16.29 लाख टन से थोड़ा ज्यादा है। दलहन आयात में सबसे बड़ी भागीदारी प्राइवेट आयातकों की है।(Business Bhaskar....R S Rana)

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