कुल पेज दृश्य

28 फ़रवरी 2012

अब मेंथा में तेजी की खुशबू

जिंस एक्सचेंजों पर मेंथा तेल और जौ वायदा अचानक कारोबारियों की पसंदीदा जिंस बन गई है और पिछले कुछ महीने में इनमें कारोबारियों की भागीदारी काफी ज्यादा बढ़ गई है। इसके चलते इन जिंसों के वायदा कारोबार में कीमतें लगातार ऊपर की ओर जा रही हैं। लेकिन उद्योग से जुड़े लोग ग्वार और ग्वार गम जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से इनकार कर रहे हैं।
मेंथोल में इस्तेमाल होने वाले मेंथा तेल की कीमतें पिछले छह महीने में करीब-करीब दोगुनी हो गई है, वहीं जौ की कीमतें इस अïवधि में करीब 50 फीसदी बढ़ी हैं। इन दोनों जिंसों का उत्पादन देश के कुछ चुनिंदा जिलों में होता है।
कीमतों में लगातार तेजी काफी मायने रखती है क्योंकि जिंस बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग ने हाल में ग्वार व ग्वार गम में भारी अनियमितताएं पकड़ी हैं। इन अनियमितताओं मसलन मार्जिन फंडिंग आदि को देखते हुए एफएमसी ने हाल में राजस्थान के तीन कारोबारियों को 6 से 12 महीने के लिए निलंबित कर दिया है। नियामक को हालांकि ऐसी अनियमितताएं दूसरी जिंसों मसलन मेंथा तेल व जौ में होने के सबूत नहीं मिले हैं। एफएमसी के एक अधिकारी ने कहा - इन जिंसों की कीमतें शुद्ध रूप से फंडामेंटल के चलते ऊपर गई हैं। ऐसे में मेंथा तेल व जौ के मामले में हमें कारोबारियों के खाते की जांच करने की दरकार नहीं लगती। उन्होंने कहा कि ग्वार के मामले में एफएमसी ने दंड देने की अपनी शक्ति का इस्तेमाल किया। अभी भी कीमतें हालांकि बढ़ रही हैं। इससे संकेत मिलता है कि इस जिंस में फंडामेंटल के समर्थन से उछाल आई है। राजस्थान के कारोबारियों के खिलाफ नियामक की सख्ती के बाद भी ग्वार व ग्वार गम की फरवरी अनुबंध की कीमतें क्रमश: 18,096 रुपये व 58,700 रुपये प्रति क्विंटल के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गईं। पिछले छह महीने में इन जिंसों की कीमतें 300 फीसदी से ज्यादा बढ़ी हैं। केडिया कमोडिटीज के विश्लेषक अजय केडिया के मुताबिक, मेंथा तेल के कारोबार में मजबूती है और स्टॉकिस्टों की मजबूत मांग के चलते जल्द ही यह 2000 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच जाएगी। इस साल मेंथा वायदा में 44 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है और सोमवार को एमसीएक्स पर इसकी कीमतें 1906.90 रुपये प्रति किलोग्राम रहीं।
ऐंजल ब्रोकिंग के सहायक निदेशक नवीन माथुर ने कहा - वैश्विक बाजार व देसी दवा उद्योग की तरफ से बढ़ती मांग और देश की प्रमुख मंडियों में कम आपूर्ति के चलते हाजिर बाजार में मेंथा तेल काफी मजबूत रही है और यही चीजें वायदा बाजार में प्रतिबिंबित हो रही हैं। (BS Hindi)

कोई टिप्पणी नहीं: