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25 जनवरी 2012

विनिवेश के काम में जुटा है एनएमसीई

अहमदाबाद स्थित नैशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एनएमसीई) नियामकीय दिशा-निर्देशों को पूरा करने की विस्तारित सीमा 31 मार्च 2012 से पहले वर्तमान शेयरधारकों की हिस्सेदारी बेचने के लिए 5 प्राइवेट इक्विटी (पीई) कंपनियों और निजी बैंकों से बातचीत कर रहा है।
वर्तमान में एक्सचेंज के पास कुल 19.12 करोड़ रुपये की शेयर पूंजी है। इसे नए दिशा-निर्देशों के तहत 31 मार्च, 2012 से पहले इसे न्यूनतम 50 करोड़ रुपये किया जाना है। इसकी पुष्टि करते हुए एक्सचेंज के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी अनिल मिश्रा ने कहा, 'कुछ प्रमुख पीई कंपनियों और निजी क्षेत्र के बड़े बैंकों सहित 5 कंपनियों ने एनएमसीई में हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा जाहिर की है। हम इनमें कुछ सबसे प्रतिस्पर्धी कंपनियों को चुनने की प्रक्रिया में हैं।' हालांकि मिश्रा ने संभावित बोली लगाने वालों के नाम के बारे में कोई खुलासा नहीं किया।
जुलाई 2009 में शुरू हुए राष्ट्रीय स्तर के जिंस वायदा कारोबार प्लेटफार्मों में हिस्सेदारी को लेकर जारी किए गये संशोधित दिशा-निर्देशों में बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग(एफएमसी) ने नेटवर्थ की सीमा 100 करोड़ रुपये तय की थी, जिसमें इक्विटी पूंजी की सीमा 50 करोड़ रुपये जरूरी की गई थी। ये दिशा-निर्देश राष्ट्रीय स्तर के 3 एक्सचेंजों मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एमसीएक्स), नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) और एनएमसीई पर लागू किये गए थे। इन तीनों एक्सचेंजों ने वर्ष 2003 में कारोबार शुरू किया था, उस समय इक्विटी पूंजी की सीमा 10 करोड़ रुपये की थी, जिसे वर्ष 2009 में बाजार के बढ़ते कारोबार को देखते हुए संशोधित किया गया था।
इन तीनों में से एमसीएक्स और एनसीडीईएक्स इस शर्त को पिछली समय सीमा 31 अक्टूबर 2011 से पहले ही पूरी कर चुके हैं। जबकि एनएमसीई ने समय सीमा बढ़ाने की मांग की थी, जिसे उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 6 महीने बढ़ाकर 31 मार्च, 2012 कर दिया है। मिश्रा ने कहा, 'हमने फिर से समय सीमा में विस्तार की कोई मांग नहीं की है क्योंकि हमें उम्मीद है कि हम समय से पहले ही इस शर्त को पूरा कर लेंगे।'
राष्ट्रीय स्तर के नए एक्सचेंज इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (आईसीईएक्स) और ऐश डेरिवेटिव्ज ऐंड कमोडिटी एक्सचेंज(एसीई) ने न्यूनतम 100 करोड़ रुपये की शेयर पूंजी के साथ कारोबार शुरू किया था जिसमें से 50 करोड़ रुपये शेयर इक्विटी पूंजी के लिए आवंटित किए गये थे। इसलिए ये नये एक्सचेंज कारोबार शुरू करने से पहले ही इस शर्त को पूरा कर रहे थे। एनएमसीई में रबर, कॉफी और मसालों का वायदा कारोबार होता है। (BS Hindi)

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