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30 दिसंबर 2011

चावल निर्यात का ज्यादा कोटा मंजूर होने के आसार

बिजनेस भास्कर दिल्ली

बासमती चावल के निर्यात के लिए और ज्यादा कोटा तय कर सकती है। सरकार ने इससे पहले 9 सितंबर को 20 लाख टन गैर बासमती चावल के निर्यात की अनुमति दी थी। इसमें से 19 दिसंबर तक 14.1 लाख टन की शिपमेंट हो चुकी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैर बासमती चावल का भाव 385 से 450 डॉलर प्रति टन चल रहा है।

खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार ने 9 सितंबर को 20 लाख टन गैर बासमती चावल के निर्यात की अनुमति दी थी जिसमें से 19 दिसंबर तक 14.1 लाख टन का निर्यात हो चुका है। उधर कारोबारियों के अनुसार निर्यातक अब तक करीब 18 लाख टन से ज्यादा चावल निर्यात के सौदे कर चुके हैं। अधिकारी ने बताया कि घरेलू बाजार में चावल के बंपर स्टॉक को देखते हुए सरकार चावल के और ज्यादा निर्यात की अनुमति देने पर विचार कर रही है।

इसका फैसला खाद्य मामलों पर प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) की आगामी बैठक में हो सकता है। खुरानिया एग्रो के डायरेक्टर रामविलास खुरानिया ने बताया कि पंजाब, हरियाणा की मंडियों में पीआर-11 स्टीम चावल 2,400 रुपये, शरबती चावल 3,200 रुपये, सुगंधा चावल 3,100 रुपये तथा परमल सेला 2,050 से 2,100 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिक रहा है। पंजाब, हरियाणा की मंडियों से कांडला बंदरगाह का किराया 160 से 165 रुपये प्रति क्विंटल है। ऐसे में परमल सेला में तो निर्यातकों की मांग बनी हुई है लेकिन पीआर-11, शरबती और सुगंधा चावल में मांग कमजोर है।

ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय सेतिया ने बताया कि इंडोनेशिया, मलेशिया, बांग्लादेश और खाड़ी देशों की आयात मांग अच्छी बनी हुई है। बंदरगाहों के नजदीक होने के कारण उत्तर भारत के राज्यों के मुकाबले दक्षिण भारत के राज्यों से ज्यादा निर्यात हो रहा है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय गैर बासमती चावल का भाव 385 से 450 डॉलर प्रति टन है। श्रीलाल महल लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट डॉ. वी. के. भसीन ने बताया कि गैर बासमती में खाड़ी देशों की आयात मांग बराबर बनी हुई है तथा निर्यातक दक्षिण भारत के राज्यों से खरीद ज्यादा कर रहे हैं। केंद्रीय पूल में एक दिसंबर को 270.63 लाख टन चावल का बंपर स्टॉक बचा हुआ है जबकि चालू विपणन सीजन 2011-12 में 174.95 लाख टन चावल की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद हो चुकी है जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 9.34 फीसदी ज्यादा है।(Business Bhaskar.....R S Rana)

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