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06 दिसंबर 2011

सोने के ज्वैलरी पर अनिवार्य हॉलमार्किंग पहले महानगरों में

आर.एस. राणा नई दिल्ल

के बाद छोटे शहरों में स्कीम लागू होगीअभी सोने की ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग स्वैच्छिकहॉलमार्किंग से ग्राहकों को शुद्धता की गारंटी मिलेगीबीआईएस (संशोधन) विधेयक पारित होने के बाद लागू होगी अनिवार्य हॉलमार्किंगउपभोक्ताओं के हितों को देखते हुए सरकार ने सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग को अनिवार्य करने का मसौदा तैयार कर लिया है। इसके तहत सबसे पहले मेट्रो शहरों में सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य की जाएगी। सभी ज्वैलर्स को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के पास रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा तथा हॉलमार्किंग अनिवार्य होने के बाद इसका पालन न करने वाले ज्वैलर्स के खिलाफ बीआईएस (संशोधन) विधेयक 2011 और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत कार्यवाही की जाएगी। हालांकि यह बदलाव बीआईएस (संशोधन) विधेयक 2011 संसद से पारित होने के बाद ही हो पाएगा।
उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीआईएस (संशोधन) विधेयक, 2011 संसद में पारित होने के बाद सोने के गहनों पर अनिवार्य हॉलमार्किंग का रास्ता साफ हो जाएगा। सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य होने के बाद उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होगी तथा उपभोक्ताओं द्वारा खरीदे गए गहनों की शुद्धता की गारंटी तो मिलेगी ही, साथ ही खरीदे गए गहनों को दोबारा बनवाने या फिर बेचने पर वाजिब कीमत मिलने में भी आसानी होगी।
उन्होंने बताया कि हॉलमार्किंग की अनिवार्यता देश भर में चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी। सबसे पहले मेट्रो शहरों में इसकी अनिवार्यता होगी। उसके बाद छोटे शहरों और गांव में लागू करने की योजना है। इसका मसौदा तैयार कर लिया गया है तथा जल्द ही इसे केबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। सबसे पहले सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग की अनिवार्यता मेट्रो शहरों में लागू करने की योजना है।
उन्होंने बताया कि ज्वैलर्स को बीआईएस के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद ज्वैलर्स अपने उत्पादों का स्वयं मूल्यांकन करेंगे तथा हॉलमार्क लगाकर ही बिक्री कर सकेंगे।
हॉलमार्किंग अनिवार्य होने के बाद इसका पालन नहीं करने वाले ज्वैलर्स के खिलाफ बीआईएस (संशोधन) विधेयक 2011 और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत सजा और दंड का भी प्रावधान होगा। इसमें ज्वैलर्स पर एक लाख का जुर्माना या फिर दो साल की सजा का प्रावधान होगा। साथ ही सजा और जुर्माना दोनों का भी प्रावधान होगा।
भारतीय मानक ब्यूरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में सोने के आभूषणों पर बीआईएस हॉलमार्किंग स्वैच्छिक है। इस समय पूरे देश में केवल 8,712 ज्वैलर्स ने ही सोने के गहनों के लिए ब्यूरो से हॉलमार्क के लाइसेंस लिये हैं। जबकि सोने की शुद्धता मापने के लिए देशभर में 159 लैब खुली हुई हैं। देश भर में इस समय करीब 3 लाख रजिस्टर्ड ज्वैलर्स है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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