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23 नवंबर 2011

तीन साल में 34 फीसदी महंगा हुआ दूध

दूध के थोक मूल्य में पिछले तीन साल के दौरान 34 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की जा चुकी है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को संसद में कृषि राज्य मंत्री चरण दास महंत ने बताया कि उत्पादन की लागत खर्च में भारी बढ़ोतरी होने से इसके भाव में इजाफा हुआ है।
उन्होंने लोकसभा में कहा कि दूध का थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) 7 नवंबर 2009 के 146.9 से बढ़कर ५ नवंबर 2011 को 196.9 हो गया। डब्ल्यूपीआई का आधार-वर्ष 2004-05 रखा गया।
महंत ने बताया कि पिछले तीन साल में दूध के उत्पादन में सात फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वर्ष 2008-09 में यहां दूध का उत्पादन 1,086 लाख टन होता था जबकि यह वर्ष 2010-11 में बढ़कर 1,162 लाख टन हो गया। मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर दुग्ध का उत्पादन घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। हालांकि लीन सीजन के दौरान दूध की कमी को पाउडर से पूरा किया जाता है।
सरकार ने दूध की उपलब्धता और दूध और दूध से बने उत्पादों की कीमतों को स्थिर रखने के लिए बहुत सारे उपाय किए हैं। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनएसडीबी) ने स्किम्ड मिल्क पाउडर और व्हाइट मिल्क पाउडर 50,000 टन आयात करने की मंजूरी दी है। इसके अलावा 15,000 टन बटर, बटर ऑयल और एन्हाइडरस (जलरहित) मिल्क वसा का बगैर शुल्क के आयात करने की इजाजत दी है। (Business Bhaskar)

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