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30 नवंबर 2011

उत्तर प्रदेश में करीब 20 फीसदी डिस्टिलरी बंद

लखनऊ November 29, 2011
उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य उत्पाद शुल्क विभाग द्वारा नियमित छापेमारी तेज किए जाने से करीब 20 फीसदी डिस्टिलरी ने अपनी इकाइयां बंद कर दी हैं। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 55 डिस्टिलरी चालू स्थिति में हैं, जिनकी स्थापित क्षमता 11.09 लाख टन है। इनमें से ज्यादातर निजी क्षेत्र की हैं। उत्तर प्रदेश शुगर मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एस एल गुप्ता ने कहा कि सरकार ने गन्ना पेराई की पूरी प्रक्रिया में कुछ छोटी गड़बडिय़ां होने का पता चलने पर करीब 20 फीसदी इकाइयों को क्लोजर नोटिस भेजा है। लखीमपुर, मेरठ, बलरामपुर और सीतापुर में स्थित ज्यादातर इकाइयां बंद हैं।डिस्टिलरीज रेक्टिफाइड स्पिरिट का उत्पादन करती हैं, जो चीनी का एक उपोत्पाद होता है और इसे पीने योग्य एल्कोहल और एथेनॉल के उत्पादन के लिए शोधित किया जाता है। इन इकाइयों पर शीरे का संग्रह करने पर मात्रात्मक सीमा लगी हुई है। उत्पाद शुल्क विभाग द्वारा कार्रवाई करने से पश्चिम उत्तर प्रदेश की कुछ इकाइयां बंद हो गई हैं। इसके अलावा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा भी इन इकाइयों की नियमित जांच की जा रही है। एक प्रमुख चीनी उत्पादक कंपनी के अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि 'उत्पाद शुल्क विभाग ने कुछ डिस्टिलरीज के खिलाफ कार्रवाई की है।' सूत्रों के अनुसार हाल ही में उत्पाद शुल्क विभाग द्वारा की गई कार्रवाई से कम से कम तीन डिस्टिलरीज बंद हुई हैं, जिनमें से प्रत्येक मवाना, बलरामपुर और बजाज हिंदुस्तान समूह से संबंधित है। एक अन्य प्रमुख चीनी उत्पादक कंपनी के अधिकारी ने कहा, 'डिस्टिलरीज पर दबाव बढ़ाने के लिए उत्पाद शुल्क विभाग की यह सालाना गतिविधि है।' उन्होंने कहा कि मेरठ डिविजन की डिस्टिलरीज के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की जा रही है। वहीं, चीनी मिलों द्वारा उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा राज्य परामर्श मूल्य (सैप) तय करने के तरीके को चुनौती देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और इसकी सुनवाई तीसरी बार टली है। मिलों को उम्मीद है कि अदालत 2006-07 की मिसाल सामने रखेगा, जब उत्तर प्रदेश सरकार ने सैप 105 रुपये से बढ़ाकर 125 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया था। तब अदालत ने अंतरिम राहत देते हुए गन्ने की कीमतें 110 रुपये प्रति क्विंटल तय कर दी थी। मिलों को उम्मीद है कि इस बार भी अदालत से उन्हें ऐसी ही अंतरिम राहत मिलेगी। (BS Hindi)

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