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02 सितंबर 2011

कपास निर्यात अगले सीजन में भी जारी रहने के आसार

आर.एस. राणा नई दिल्ली

उम्मीद - बंपर उत्पादन का अनुमान होने से कृषि मंत्रालय ने की सिफारिशमौजूदा सीजन में निर्यात:- सरकार ने पहले 55 लाख गांठ कपास निर्यात की अनुमति दी थी। उसके बाद 10 लाख गांठ और कपास निर्यात को अनुमति दी गई। डीजीएफटी की शर्तों के खिलाफ निर्यातकों की याचिका पर हाईकोर्ट ने निर्यात पर प्रतिबंध कर दिया। इसके बाद डीजीएफटी ने दो अगस्त को चालू सीजन के बाकी दो महीनों के लिए मात्रात्मक प्रतिबंध हटा लिया।
सरकार ओपन जरनल लाइसेंस (ओजीएल) के तहत कपास के निर्यात की अवधि को सितंबर से आगे बढ़ा सकती है। अक्टूबर से कपास का नया सीजन शुरू हो जाएगा। कृषि मंत्रालय ने कपास के बंपर उत्पादन की संभावना को देखते हुए अगले सीजन में कपास के ओजीएल के तहत निर्यात की सिफारिश की है।
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू खरीफ में कपास की बुवाई बढ़कर 118.5 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 107.53 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। अभी तक मौसम भी फसल के अनुकूल रहा है ऐसे में कपास का बंपर उत्पादन होने की संभावना है। इसीलिए आगामी कपास सीजन में ओजीएल के तहत निर्यात जारी रखनी की सिफारिश की गई है।
खाद्य मामलों पर प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) की आगामी बैठक में इस पर निर्णय लिया जायेगा। टैक्सटाइल कमिश्नर ए बी जोशी ने भी नए मार्किट सीजन में कपास का उत्पादन 9 फीसदी बढ़कर 355 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) होने का अनुमान लगाया है।
चालू सीजन में देश में कपास का उत्पादन 325 गांठ हुआ है। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में देश में 90 फीसदी क्षेत्रफल में बीटी कपास की बुवाई हुई है। सरकार ने चालू सीजन में पहले 55 लाख गांठ कपास निर्यात की अनुमति दी थी। उसके बाद 10 लाख गांठ और कपास निर्यात को अनुमति दी गई थी।
अतिरिक्त 10 लाख गांठ के निर्यात के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा निर्यातकों पर लगाई गई शर्तों के खिलाफ निर्यातक मुंबई हाईकोर्ट में चले गए थे। उसके बाद डीजीएफटी ने दो अगस्त को चालू सीजन के बाकि दो महीनों के लिए कपास निर्यात पर लगा मात्रात्मक प्रतिबंध हटा लिया था। अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव 37,000 से 37,500 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) की हुई है जबकि अप्रैल में भाव ऊपर में 61,000 से 61,500 रुपये प्रति कैंडी हो गए थे।
उधर न्यूयार्क बोर्ड ऑफ ट्रेड में मई महीने के वायदा अनुबंध में कॉटन का भाव चार अप्रैल को 196.49 सेंट प्रति पाउंड पर बंद हुआ था। जबकि 29 अगस्त को अक्टूबर महीने के वायदा अनुबंध में इसका भाव 104.77 सेंट प्रति पाउंड रह गया। (Business Bhaskar....R S Rana)

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