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21 सितंबर 2011

इंडोनेशिया की नई टैक्स दरों से खाद्य तेल कंपनियां संकट में

टैक्स का फंडाइंडोनेशिया ने सीपीओ पर टैक्स बढ़ाकर तेल कंपनियों की मुश्किल बढ़ाईआरबीडी पर टैक्स कम होने से भी भारतीय निर्माता को होगी परेशानीखाद्य तेलों के भारतीय उत्पादकों और कारोबारियों ने इंडोनेशिया द्वारा क्रूड पाम तेल (सीपीओ) के निर्यात पर टैक्स बढ़ाए जाने पर आपत्ति की है और सरकार से मांग की है कि उसे रिफाइंड पामोलीन (आरबीडी) के आयात पर शुल्क बढ़ा देना चाहिए।
इंडोनेशिया ने सीपीओ के निर्यात पर टैक्स 1.5 फीसदी बढ़ाकर 16.5 फीसदी कर दिया है जबकि आरबीडी के निर्यात पर टैक्स 15 फीसदी से घटाकर 8 फीसदी कर दिया है। सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईएआई) ने कहा है कि सरकार को आरबीडी के आयात पर शुल्क बढ़ाकर 16.5 फीसदी कर देना चाहिए। इस समय आरबीडी के आयात पर 7.50 फीसदी आयात शुल्क लगता है। एसोसिएशन का कहना है कि आरबीडी पर आयात शुल्क 484 डॉलर से बढ़ाकर 1,150 डॉलर प्रति टन कर देना चाहिए।
एसोसिएशन के अनुसार इंडोनेशिया में क्रूड पाम तेल पर 16.5 फीसदी और पैक्ड रिफाइंड तेल पर सिर्फ दो फीसदी डिफरेंशियल ड्यूटी लगने से भारतीय तेल उत्पादक कंपनियों के लिए इंडोनेशियाई कंपनियों के सामने प्रतिस्पर्धा में टिक पाना मुश्किल हो गया है। इंडोनेशिया में नया ड्यूटी ढांचा लागू होने के बाद वहां से आयातित आरबीडी पाम तेल करीब 152 डॉलर प्रति टन सस्ता पड़ेगा। भारत में तेल उत्पादक कंपनियां क्रूड पाम तेल आयात करके उसकी प्रोसेसिंग करती हैं और रिफाइंड पाम तेल बनाती हैं।
इंडोनेशिया ने ड्यूटी में बदलाव करके भारतीय तेल कंपनियों के लिए व्यापार करना मुश्किल कर दिया है। जेमिनी एडिबल्स एंड फैट्स इंडिया प्रा. लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप चौधरी ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इंडोनेशिया आरबीडी सिर्फ 10-20 डॉलर प्रति टन सस्ता रखेगा। इतने अंतर से ही भारतीय खाद्य तेल उद्योग मुश्किल में पड़ जाएगा। (Business Bhaskar)

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