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16 जुलाई 2011

अच्छा रिटर्न दिला सकता है सोने में निवेश

आर.एस. राणा

यूरापीय देशों में ऋण संकट गहराने और कच्चे तेल की कीमतों में उथल-पुथल से बढ़ रहा है सोने में निवेश।आगामी दिनों में त्यौहारी सीजन के कारण भारत में सोने की मांग बढ़ेगी। महंगाई का असर सोने की कीमतों पर ज्यादा नहीं पड़ेगा।
यूरोपीय देशों में ऋण संकट लगातार बढ़ रहा है जबकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था अनिश्चितता के भंवर में फंसी हुई है। उधर पश्चिमी एशिया के देशों में राजनीतिक उथल-पुथल थम नहीं रही है जिसके कारण कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। ऐसे में सुरक्षित निवेश की चाह में निवेशक सोने की खरीद को तरजीह दे रहे हैं। चालू वित्त वर्ष के पहले साढ़े तीन महीनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें में 9.7 फीसदी की तेजी आ चुकी है। उधर मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर अप्रैल से अभी तक अक्टूबर महीने के वायदा अनुबंध में सोने की कीमतें 7.1 फीसदी बढ़ चुकी हैं।
वायदा में दाम बढ़े मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर अक्टूबर महीने के वायदा अनुबंध में अप्रैल से अभी तक सोने की कीमतों में 7.1 फीसदी की तेजी आ चुकी है। एक अप्रैल को अक्टूबर महीने के वायदा अनुबंध में सोने का भाव 21,650 रुपये प्रति दस ग्राम थे जबकि शुक्रवार को भाव 23,201 रुपये प्रति प्रति दस ग्राम पर कारोबार करते देखे गए। अक्टूबर महीने के वायदा अनुबंध में 3,116 लॉट के सौदे खड़े हुए हैं। बुलियन विश£ेशक ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि मौजूदा स्तर पर मुनाफावसूली से सोने की कीमतों में गिरावट आती है तो निवेशकों के लिए खरीद का अच्छा मौका रहेगा क्योंकि भविष्य में दाम बढऩे की ही संभावना है।
सोने में कैसे करें निवेशवायदा बाजार में सोने में निवेश करने के लिए निवेशक को कमोडिटी ब्रोकर के यहां खाता खुलवाना होता है। खाता खुलवाने के लिए पैन कार्ड, बैंक का पास बुक, स्थायी पता और शुरुआती मार्जिन की आवश्यकता होती है। सोने का सबसे अधिक कारोबार एमसीएक्स में होता है। इसके अलावा निवेशक भौतिक सोना, गोल्ड ईटीएफ और ई-गोल्ड के जरिये भी सोने में निवेश कर सकते हैं।
यूरोपीय ऋण संकट का असर एंजेल ब्रोकिंग के एसोसिएट डायरेक्टर (कमोडिटी एंड करेंसी) नवीन माथुर ने बताया कि ग्रीस का कर्ज संकट यूरोप की अन्य अर्थव्यवस्थाओं को भी चपेट में ले सकता है। ग्रीस, पुर्तगाल और रिपब्लिक ऑफ आयरलैंड की तरह इटली और स्पेन में भी ऋण संकट गहराने की आशंका बनी हुई है। उधर अमेरिकी अर्थव्यवस्था अनिश्चितता के भंवर में फसी हुई है। तथा पश्चिमी एशिया के देशों में राजनीतिक उथल-पुथल थम नहीं रही है जिसके कारण कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में निवेशक सोने में निवेश बढ़ा सकते हैं। जिसका असर घरेलू बाजार में भी सोने की कीमतों पर पड़ेगा।
भारत-चीन की मांग में बढ़ोतरी आदित्य बिड़ला मनी लिमिटेड के बुलियन विश£ेशक आशीष महाजन के अनुसार भारत और चीन की सोने की मांग लगातार बढ़ रही है। चीन में सोने की मांग सालाना करीब 14 फीसदी की दर से बढ़ रही है। सोने के गहनों की मांग पिछले साल में चीन में करीब दोगुनी हो गई है। जबकि विश्व की कुल मांग में भारत की हिस्सेदारी करीब 35 फीसदी है। आगामी दिनों में त्यौहारी सीजन के कारण भारत में सोने की मांग बढ़ेगी। हालांकि इस दौरान महंगाई बनी रहेगी लेकिन महंगाई का असर सोने की कीमतों पर ज्यादा नहीं पड़ेगा। हेज फंड वालों की खरीद से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की तेजी को बल मिल रहा है।
विदेशी बाजार में दाम बढ़े अंतरराष्ट्रीय बाजार में अप्रैल से अभी तक सोने की कीमतों में करीब 9.7 फीसदी की तेजी आ चुकी है। एक अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव 1,440 डॉलर प्रति औंस था जबकि शुक्रवार को 1,580 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार करते देखा गया। दिल्ली बुलियन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वी के गोयल ने बताया कि सोने की कीमतों में तेजी जरुर आई है लेकिन मांग बनी हुई है। आगामी दिनों में त्यौहारी सीजन शुरू होने के बाद मांग में और तेजी आने की संभावना है।
दिल्ली सर्राफा बाजार में अप्रैल से अभी तक सोने की कीमतों में 2,065 रुपये प्रति दस ग्राम की तेजी आ चुकी है। एक अप्रैल को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने का भाव 21,155 रुपये प्रति दस ग्राम था जबकि 14 जुलाई को भाव 23,220 रुपये प्रति दस ग्राम हो गया। (Business Bhaskar....R S Rana)

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