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19 अप्रैल 2011

आंधी, बारिश से हरियाणा व पंजाब में गेहूं फसल प्रभावित

जमीनी हकीकत - गेहूं की खरीद अब तक करीब 69 फीसदी कम रही है। पंजाब और हरियाणा में अभी तक गेहूं की आवक तेज नहीं हो पाई है। हाल की बारिश से आवक तेज होने में और देरी होगी। इससे सरकारी खरीद पिछड़ जाएगी।सरकारी आकलन - साल की बारिश से गेहूं की पैदावार पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। हालांकि उन्होंने माना कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम की ठंडक से गेहूं की फसल पकने में देरी होगी और इससे मंडियों में आवक शुरू होने में समय लग सकता है।पिछले दिनों उत्तरी राज्यों में आंधी, तूफान और बारिश से पंजाब के कई इलाकों में गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचने का अंदेशा है। इससे गेहूं की सरकारी खरीद प्रभावित हो सकती है। गेहूं की फसल में देरी होने के कारण गेहूं की खरीद शुरू से ही धीमी चल रही है। दूसरी ओर सरकार ने कहा है कि बारिश से गेहूं की पैदावार और कुल उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।पंजाब के कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक जानकारी के अनुसार तूफान से मोगा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में गेहूं की फसल को 10 से 35 फीसदी का नुकसान हुआ है। फिरोजपुर जिले के कपूरथला में बारिश होने के कारण 4,000 एकड़ एरिया में गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है। गुरदासपुर में कुछ इलाकों में खुले मैदान में रखा करीब 5,000 टन गेहूं बारिश से भीग गया। हालांकि कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पंजाब में 90 फीसदी से ज्यादा गेहूं अभी खेतों में खड़ा है। बारिश से कट चुके गेहूं को ही ज्यादा नुकसान हुआ है। खेतों में खड़े गेहूं को ज्यादा नुकसान होने का अंदेशा नहीं है। वैसे इस समय बारिश गेहूं की फसल के लिए ठीक नहीं है। हरियाणा के जींद और सोनीपत जिलों में बारिश से फसल प्रभावित होने का अंदेसा है। बारिश होने के कारण पंजाब और हरियाणा में गेहूं की खरीद प्रभावित होने का अंदेशा है। पंजाब में 110 लाख टन और हरियाणा में करीब 65 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद होने का अनुमान है। कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस साल गेहूं की खरीद दोनों राज्यों में पिछले साल के मुकाबले करीब चार फीसदी ज्यादा रहने का अनुमान था लेकिन बारिश होने के कारण इस पर असर पड़ सकता है। खेतों में खड़ी गेहूं की फसल बारिश में भीग गई है। इस वजह से गेहूं फसल की कटाई धूप निकलने पर सूखने के बाद ही हो पाएगी। इस वजह से गेहूं की आवक में देरी होगी और सरकारी खरीद प्रभावित होगी। मौजूदा सीजन में सरकारी नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अभी तक सिर्फ 38.38 लाख टन गेहूं की खरीद कर पाई है। जबकि पिछले साल इस अवधि में 123.62 लाख टन गेहूं की खरीद हो गई थी। इस तरह गेहूं की खरीद अब तक करीब 69 फीसदी कम रही है। पंजाब और हरियाणा में अभी तक गेहूं की आवक तेज नहीं हो पाई है। हाल की बारिश से आवक तेज होने में और देरी होगी। इससे सरकारी खरीद पिछड़ जाएगी।दूसरी ओर कृषि आयुक्त गुरबचन सिंह ने कहा है कि हाल की बारिश से गेहूं की पैदावार पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। हालांकि उन्होंने माना कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम की ठंडक से गेहूं की फसल पकने में देरी होगी और इससे मंडियों में आवक शुरू होने में समय लग सकता है। उन्होंने बताया कि अभी भी मंडियों में गेहूं की आवक करीब दो सप्ताह लेट हो चुकी है। (Business Bhaskar)

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