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04 अप्रैल 2011

ऑरबिटल रेल कॉरिडोर की चपेट में नहीं आएंगे गांव

आने वाले समय में कुंडली-मानेसर-पलवल और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे के चारों ओर बिछाई जाने वाली ऑरबिटल रेल कॉरिडोर की चपेट में एक भी गांव नहीं आएगा। सोनीपत के तीन गांव इसकी हद में आ जाने से प्लॉनिंग विभाग गंभीर है। अब यह लाइन अंदर के घेरे में न होकर बाहर के घेरे में बिछाने की योजना है। मुख्यालय से मिले निर्देश के बाद इस रेलवे लाइन को लेकर दोबारा से सर्वे शुरू कर दिया है। एनसीआर प्लॉनिंग बोर्ड की ओर से एनसीआर के उद्यमी व कारोबारियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्लॉन 2021 के तहत एक्सप्रेस वे बनाने की योजना बनाई। इसके तहत कुंडली-मानेसर-पलवल और ईस्टर्न पेरीफेरल बायां पलवल-छांयसा व उत्तर प्रदेश की सीमा से गुजरने वाला एक्सप्रेस वे बनाया जाना है। केएमपी एक्सप्रेस वे बनकर लगभग तैयार है तथा ईस्टर्न पेरीफेरल बनाने की कवायद चल रही है। उस समय एक्सप्रेस वे के साथ-साथ अंदर की ओर से ऑरबिटल रेल दौड़ाने की योजना बनाई गई थी। इसे लेकर ड्राइंग भी तैयार कर ली गई थीं। इसमें सोनीपत जिले के तीन गांव रेलवे लाइन की हद में आए हुए थे। पिछले दिनों प्लॉनिंग विभाग के अधिकारियों की चंडीगढ़ में एक मीटिंग हुई। इस दौरान इन गांवों को बचाने की कवायद शुरू करते हुए रेलवे लाइन को बाहरी दिशा में किए जाने का मसौदा तैयार किया गया। इसे लेकर सभी संबंधित जिलों के योजनाकारों को निर्देश दिए गएं कि वे इस रेलवे लाइन को लेकर दोबारा से सर्वे करें। इसे लेकर सभी जिलों में लाइन को लेकर सर्वे का काम शुरू हो गया है। फरीदाबाद में ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे को लेकर किए गए सर्वे में अभी तक दो गांवों के नाम सामने आ रहे हैं, जो रेलवे लाइन की दिशा बदलने उसकी चपेट में आ सकते हैं। फरीदाबाद में मोहना व छांयसा के समीप से यह लाइन गुजरेगी। डीटीपी संजीव मान का कहना है कि वे इस तरह का रास्ता तलाशने में लगे हुए हैं ताकि किसी प्रकार का कोई नुकसान न हो। किसी भी गांव में नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।------------------------ इस रूट पर दौड़ेगी रेलकुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे एनएच-1 से कुंडली के समीप मिलेगा। एनएच-10 झज्जर के समीप, एनएच-8 सोहना-मानेसर के बीच तथा एनएच-2 पलवल के समीप कुसलीपुर में जुड़ेगा। जहां ईस्टन पेरीफेरल एक्सप्रेस वे ग्रेटर नोएडा-गाजियाबाद-बागपत से होकर सोनीपत में मिलाया जाएगा। इस एक्सप्रेस वे के बनने से मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा की दूरी काफी कम हो जाएगी। हरिद्वार समेत उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों की ओर जाने वालों को पलवल से दिल्ली जाने की जरूरत नहीं। वे सीधे ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे गाजियाबाद में प्रवेश कर सकेंगे। इन दोनों एक्सप्रेस वे के दोनों ओर यह रेल दौड़ेगी। -------------------ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे की कुछ खास बातेंकुल गांव, जिनकी जमीन अधिग्रहण की गई : 24कुल जमीन : 875 एकड़पलवल के गांव : 15फरीदाबाद के गांव : 9फरीदाबाद के गांवों की जमीन : 433 एकड़एक्सप्रेस वे की लंबाई (फरीदाबाद सीमा में) : 35 किलोमीटर----------------------------- केएमपी का ब्यौरा- लंबाई- 135 किलोमीटर- कुल लागत- 1050 करोड़- पिछली डेडलाइन : दिसंबर 2009- नई डेडलाइन : मार्च 2011- 4 रेलवे ओवरब्रिज- 38 बड़े और छोटे पुल- 9 मल्टी स्पैन अंडर पास - 7 ओवर पास जो राज्य की सड़कों से ऊपर आएंगे- 27 अंडरपास जो एक्सप्रेस वे से गांवों को जाएंगे- 33 अंडरपास- खेती के लिए काम आने वाले वाहनों के लिए- 31 अंडर पास पशु मार्ग के लिए- 61 मार्ग पैदल जाने वालों के लिए- 2 ट्रक पार्किग स्थल एक्सप्रेस वे पर बनेंगे थीम शहरएजुकेशन सिटी : कुंडली-सोनीपत आईटी सिटी : बादली-जहांगीरपुर: जैव प्रोद्योगिकी पार्क : सांपलाफैशन सिटी : गुड़गांव सोहना के निकटलॉ यूनिवर्सिटी : आईएमटी मानेसरफेयर सिटी : पलवलग्लोबल कॉरीडोर : दिल्ली-हरियाणा------------------ इन गांवों से होकर गुजरेगा ईस्टर्न एक्सप्रेस वे-यमुना के किनारे शाहजहांपुर, जहां बनाया जाएगा यमुना का पुल। इसके अलावा साहुपुरा खादर, फज्जूपुर खादर, अरूआ, मोठूका, अटाली, छांयसा, मौजाबाद, जलाहाका,डाढ़ौता, गोपीखेड़ा, कुरारा सहापुर, अलावलपुर, सुजवाड़ी, पेलक, खेड़ला, अकबरपुर, छज्जुनगर, हुसंगाबाद, अटोंहा व खुशरूपुर होता हुए कुंडली-मानेसर एक्सप्रेस वे से जोड़ा जाएगा।-यमुना पुल से गौतमबुद्ध नगर में प्रवेश (Hindustan Hindi)

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