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04 अप्रैल 2011

रिंग रेलवे ट्रैक का प्लान बदला

फरीदाबाद केएमपी (कुंडली-मानेसर-पलवल) एक्सप्रेस-वे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस- वे के साथ बनाई जाने वाली रेलवे लाइन के प्लान में बदलाव किया जा रहा है। पहले यह रेलवे ट्रैक इन सड़कों के अंदर की तरफ बनाया जा रहा था। सोनीपत में तीन गांव लाइन के रास्ते में आ रहे थे। इस समस्या को लेकर चंडीगढ़ में हुई मीटिंग के दौरान लाइन को रोड के बाहर की तरफ बनाने की योजना तैयार की गई है। इसके लिए प्रदेश भर में सर्वे कराया जा रहा है। फरीदाबाद में इस लाइन के लिए सर्वे का जिम्मा डीटीपी संजीव मान को सौंपा गया है। यह है योजना केएमपी और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे बड़ी योजना है। इसमें केएमपी का काम लगभग 2 साल पहले शुरू कर दिया गया। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के लिए टेंडर भरने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। जल्द ही इसका निर्माण शुरू होने की उम्मीद की जा रही है। लोगों को सहूलियत देने के लिए इसके साथ एक रेलवे लाइन बिछाने की भी योजना सरकार ने बनाई है। इस ट्रैक की लंबाई लगभग 250 किलोमीटर है। इन दोनों रोड के नक्शे में इस रेलवे ट्रैक का जिक्र किया गया है जिसके लिए रोड के दोनों तरफ लगभग 100 मीटर जमीन खाली रखी गई है। इस ट्रैक पर केवल सरक्यूलर शटल चलेंगी। ये शटल केवल इसी ट्रैक पर चलेंगी और दूसरे रूटों से इनका कोई संबंध नहीं होगा। इस योजना से लोगों की यात्रा सुगम हो जाएगी और करोड़ों लोगों को इसका लाभ मिलेगा। इस ट्रैक को व्यापारिक गतिविधियों के लिए ज्यादा यूज किया जाएगा। बदलाव पहले यह लाइन इन मुख्य सड़कों के अंदर की तरफ बिछाई जानी थी। इसके लिए सर्वे पूरा हो चुका है। सर्वे के दौरान पाया गया कि सोनीपत में तीन गांव इस ट्रैक के रास्ते में आ रहे थे जो रोड के निर्माण में बाधा बन रहे थे। इसके लिए हाल ही में संबंधित अधिकारियों की एक मीटिंग चंडीगढ़ में बुलाई गई और रेलवे ट्रैक के प्लान को चंेज किया गया। अब यह ट्रैक केएमपी और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे के बाहर की तरफ बनाया जाएगा। इसके लिए प्रदेश भर में सर्वे कराया जा रहा है। फरीदाबाद में सर्वे का जिम्मा डीटीपी संजीव मान को सौंपा गया है। क्या कहते हैं डीटीपी डीटीपी संजीव मान का कहना है कि इस रेलवे ट्रैक के रास्ते में सोनीपत में बड़खालसा गांव के साथ अन्य दो गांवों का इलाका रस्ते में आ रहा था। इसलिए इसका प्लान चेंज किया गया है। अब पूरे प्रदेश में इसका सर्वे किया जा रहा है। संभावना है कि फरीदाबाद के गांव मोहना छायंसा और पलवल के गांव छज्जुनगर का इलाका इस रेलवे लाइन के काफी करीब आ सकता है। अभी इसका सर्वे पूरा करने के बाद योजना पर काम शुरू किया जाएगा। सर्वे के दौरान देखा जाएगा कि यह रेलवे ट्रैक कहीं इन दोनों एक्सप्रेस वे के ऊपर से तो नहीं गुजर रहा। ईस्टर्न एक्सपे्रस - वे सोनीपत से लेकर फरीदाबाद तक बनने वाली ईस्टर्न एक्सप्रेस - वे योजना के लिए करीब 2500 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया गया है। इस योजना की भूमि अधिगृहण की प्रक्रिया लगभग 80 प्रतिशत पूरी हो चुकी है। एक्सप्रेस - वे एनएच -1 कुंडली ( सोनीपत ) से यमुना पार करने के बाद माविकलन , शरफाबाद के पास हिंडन नदी से एनएच -58 के दुहाई होता हुआ दासना के पास एनएच -24 पर मिलेगा। 135 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस - वे एनएच -59 पर बीलकबरपुर केपास से होता हुआ कासना - सिकंद्राबाद रोड ( सिरसा के निकट ) से यमुना क्रॉस करता हुआ फज्जुपुर खादर , अटाली छांयसा ( मौजपुर के पास ) एनएच -2 पर पलवल पहुंचेगा। इस एक्सप्रेस - वे पर 3 रिवर ब्रिज बनाए जाएंगे जिनमें से दो यमुना नदी के ऊपर और एक हिंडन नदी के ऊपर बनेगा। इनके अलावा 43 ब्रिज व 59 अंडरपास बनाए जाने की योजना है। केएमपी केएमपी को कुंडली - मानेसर - पलवल एक्सप्रेस - वे ( वेस्टर एक्सप्रेस वे ) कहा जाता है। इस एक्सप्रेस - वे की लंबाई 135 किलोमीटर है। इसकी अनुमानित लागत लगभग 2925 करोड़ रुपये है। यह एक्सप्रेस - वे सिक्स लेन बनाया जा रहा है। यह सात जिलों के पास से गुजरेगा। इनमें सोनीपत , झज्जर , रोहतक , गुड़गांव , मेवात , फरीदाबाद व पलवल शामिल हैं। इस एक्सप्रेस - वे को एचएसआईआईडीसी बना रही है। यह कुंडली के एनएच -1 से शुरू होकर पलवल में एनएच -2 पर आकर मिलेगा। इसके दोनों तरफ दो - दो किलोमीटर तक सरकार ने कंट्रोल क्षेत्र घोषित किया हुआ है। एक्सप्रेस - वे के दोनों तरफ दो - दो किलोमीटर तक बेहतर गतिविधियांे को लेकर अब अंतिम रूप दिया जा रहा है। (Blog)

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