कुल पेज दृश्य

13 जनवरी 2011

रबर की तेजी से उद्योग संकट में

नेचुरल रबर की कीमतों में आई भारी तेजी से छोटे उत्पाद बनाने वाली इकाइयों का मार्जिन समाप्त हो गया है। इसीलिए कपंनियां उत्पादों की कीमतों में आठ से दस फीसदी तक की बढ़ोतरी करेंगी। पिछले आठ महीने में नेचुरल रबर के दाम 24.11 फीसदी बढ़ चुके हैं जबकि इस दौरान कंपनियों ने उत्पादों के दाम सात से आठ फीसदी ही बढ़ाए हैं।उधर अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत के मुकाबले नेचुरल रबर के दाम 14.6 फीसदी ज्यादा है। ऐसे में आगामी दिनों में आयात कम होगा जबकि भारत से निर्यात बढ़ सकता है। इसीलिए घरेलू बाजार में नेचुरल रबर के दाम और भी बढऩे की संभावना है। एमबी रबर प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर राकेश जैन ने बताया कि जिस अनुपात में कच्चे माल के दाम बढ़े हैं। उस अनुपात में उत्पादों की कीमतें नहीं बढ़ी हैं इसलिए कंपनियों का मार्जिन समाप्त हो गया है।कंपनियां 12 फीसदी मार्जिन तय करके चलती है। पिछले आठ महीने में कच्चे माल के दाम 24.11 फीसदी बढ़ चुके हैं लेकिन इस दौरान उत्पादों की कीमतों में सात-आठ फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। ऐसे में नुकसान से बचने के लिए मजबूरन कंपनियों को उत्पादों की कीमतों में आठ से दस फीसदी तक की बढ़ोतरी करनी पड़ेगी।विनको ऑटो इंडस्ट्रीज लिमिटेड मैनेजिंग डायरेक्टर एम. एल. गुप्ता ने बताया कि नेचुरल रबर की कीमतों में आई तेजी से छोटी उत्पादक कंपनियों को परेशानी हो रही है। कच्चे माल के मुकाबले उत्पादों के दाम नहीं बढऩे से छोटी इकाइयां बंद होने के कगार पर है। वैसे भी छोटे उत्पाद बनाने वाली इकाइयों को कच्चा माल नकद पैमेंट पर खरीदना पड़ता है जिससे कंपनियों पर बैंकों का कर्ज लगातार बढ़ रहा है। नेचुरल रबर का भाव कोट्टायम में 211 रुपये प्रति किलो हो गया जबकि जून में इसका भाव 170 रुपये प्रति किलो था।डायमंड टॉयस कंपनी प्रा. लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर आर के गुप्ता ने बताया कि छोटी इकाइयों ने अपने उत्पादों के दाम दिसंबर में तीन से चार फीसदी तक बढ़ाए थे लेकिन बढ़े हुई कीमतों पर आर्डर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में कंपनियों पर दोहरी मार पड़ रही है। लेबर की पैमेंट के साथ ही बैंकों का ब्याज तो लगातार बढ़ रहा है लेकिन आर्डर कम आने से सप्लाई बाधित हो रही है।आल इंडिया रबर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के डिप्टी जनरल सेक्रेटरी ए. के. गोयल ने बताया कि भारत के मुकाबले विदेशी में नेचुरल रबर के दाम ज्यादा हैं। इसलिए आगामी महीने में आयात कम रहेगा तथा भारत से निर्यात बढऩे की संभावना है।ऐसे में मौजूदा कीमतों में और भी तेजी की संभावना है। रबर बोर्ड के अनुसार वर्ष 2010 में नेचुरल रबर का उत्पादन 8.51 लाख टन होने का अनुमान है जबकि इस दौरान खपत 9.48 लाख टन होने की संभावना है। (Business Bhaskar...R S Rana)

कोई टिप्पणी नहीं: