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29 जनवरी 2011

आपूर्ति की तंगी से चढ़ रहे हैं अरंडी के भाव

राजकोट January 28, 2011
अरंडी की कीमतों में तेजी को और बल मिल सकता है क्योंकि बाजार में इसकी तंग आपूर्ति को देखते हुए दामों में और बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है। हाजिर बाजर में इसके दाम अब तक 880 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा बढ़ चुके हैं। इसके अलावा वायदा बाजार में भी इसके भाव लगातार ऊपर की ओर बने हुए हैं। साल की पहली तारीख यानी 1 जनवरी को हाजिर बाजार में अरंडी के दाम 3,940 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर थे। लेकिन 25 जनवरी तक इसके दाम 887.50 रुपये बढ़कर 4,827 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गए हैं। वायदा बाजार की बात करें तो यहां भी भाव में तेजी का सफर जारी है। राजकोट कमोडिटी एक्सचेंज (आरसीएक्स) में 25 जनवरी तक इसके दाम प्रति क्विंटल 557 रुपये बढ़कर 4,229 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गए हैं। इस बीच, नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) में भी अरंडी का वायदा भाव 666 रुपये प्रति क्विंटल बढ़कर 4,580 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गया है। इसके पहले 1 जनवरी के यह 3,914 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर था। उद्योग जानकारों के मुताबिक मांग की तुलना में अरंडी की आपूर्ति कम रहने की वजह से इसके दाम लगातार चढ़ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि इस समय प्रति दिन कम से कम 75,000 से 80,000 बोरी की मांग है जबकि इसकी आपूर्ति करीब आधी यानी 40,000 से 50,000 बोरी के करीब है। ऐसे में इसके दामों में इजाफा होना लाजिमी है। हालांकि उद्योग सूत्रों का अनुमान है कि आगे चलकर अरंडी की आपूर्ति तेज होगी क्योंकि इस साल अरंडी की फसल ज्यादा होने का अनुमान है। पिछले साल देश में अरंडी का उत्पादन 9.3 लाख टन पर स्थिर रहा था जबकि इस साल 12 लाख टन अरंडी उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है। इसका कारण यह है कि इस साल अरंडी की खेती में 30 से 35 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। उत्पादन ज्यादा होने की स्थिति में देश में इसकी आपूर्ति बढ़ेगी जिससे इसके भाव में थोड़ी नरमी आ सकती है। हालांकि अरंडी की नई फसल तैयार होने में अभी वक्त लगेगा। अच्छी मांग के मद्देनजर उद्योग का अनुमान है कि अरंडी की कीमत अभी और ऊपर चढ़ेगी। पिछले साल अरंडी बीज का औसत मूल्य 30,000 से 33,000 रुपये प्रति टन के बीच रहा था जबकि इस साल इसके 50,000 रुपये प्रति टन के स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता कहते हैं, 'अरंडी के भाव में तगड़ी उछाल का मूल कारण यह है कि इसकी मांग और आपूर्ति के बीच भारी असंतुलन पैदा हो गया है।Ó आरसीएक्स के अध्यक्ष राजू पोबारु कहते हैं, 'हाजिर बाजार में मांग की तुलना में इसकी आपूर्ति काफी कम है जबकि इस समय बड़े पैमाने पर निर्यात ऑर्डर मिल रहे हैं। (BS Hindi)

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