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21 दिसंबर 2010

काली मिर्च के दाम बढऩे के हैं आसार

उत्पादक क्षेत्रों में प्रतिकूल मौसम से काली मिर्च की आवक नहीं बढ़ पा रही है इसीलिए कीमतें तेज बनी रह सकती है। उत्पादक क्षेत्रों में पिछले दो दिनों में काली मिर्च की कीमतें करीब 600-700 रुपये प्रति क्विंटल और वायदा बाजार में दो फीसदी बढ़ चुकी हैं। विश्व में काली मिर्च का उत्पादन वर्ष 2011 में दो फीसदी घटने की आशंका है। जनवरी के मध्य में घरेलू फसल की आवक का दबाव बनने की संभावना है। जबकि फरवरी-मार्च में वियतनाम की नई फसल आयेगी। लेकिन प्रमुख उत्पादक देशों के पास बकाया स्टॉक कम है इसीलिए जनवरी तक काली मिर्च की कीमतों में तेजी की ही संभावना है। वायदा में मजबूती : नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) पर निवेशकों की खरीद से कालीमिर्च की कीमतों में दो फीसदी की तेजी आई है। 16 दिसंबर को जनवरी महीने के वायदा अनुबंध में कालीमिर्च का भाव 21,923 रुपये प्रति क्विंटल था जोकि शुक्रवार को बढ़कर 22,370 रुपये प्रति क्विंटल पर कारोबार करते देखा गया। जनवरी महीने के वायदा अनुबंध में कालीमिर्च में 10,903 लॉट के सौदे खड़े हुए हैं। कमोडिटी विश£ेशक अभय लाखवान ने बताया कि उतपादक क्षेत्रों में मौसम खराब बना हुआ है जिससे नई फसल की आवक में देरी हो रही है। इसीलिए मौजूदा कीमतों में तेजी को बल मिल रहा है। विश्व में उत्पादन घटने की संभावना : इंटरनेशनल पीपर कम्युनिटी (आईपीसी) के अनुसार वर्ष 2011 में विश्व में काली मिर्च का उत्पादन घटकर 3,09,952 टन ही होने का अनुमान है जोकि वर्ष 2010 के 3,16,380 टन से कम है। वर्ष 2009 में विश्व में काली मिर्च का उत्पादन 3,18,662 टन का हुआ था। प्रमुख उत्पादक देशों में बकाया स्टॉक भी वर्ष 2011 में घटकर 94,582 टन ही रहने की संभावना है जबकि वर्ष 2010 में बकाया स्टॉक 95,442 टन का था। उत्पादक केद्रों पर भाव तेज : केरल के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में बारिश और खराब मौसम से काली मिर्च की तुड़ाई में बाधा आ रही है। इसीलिए पिछले दो दिनों में काली मिर्च की कीमतों में 600 से 700 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। शुक्रवार को कोच्चि में एमजी-वन काली मिर्च का भाव बढ़कर 21,200 रुपये और अनर्गाब्लड का भाव 20,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। काली मिर्च का नया सीजन मध्य दिसंबर में शुरू हो जाता है लेकिन अक्टूबर-नवंबर में उत्पादक क्षेत्रों में बारिश हुई थी। चालू महीने में भी बीच-बीच में मौसम खराब हो जाता है इसीलिए नई फसल की आवक मध्य जनवरी में ही बनने की संभावना है। भारत में भी उत्पादन अनुमान कम : मसाला बोर्ड के अनुसार चालू सीजन में भारत में काली मिर्च का उत्पादन पहले के अनुमान 50,000 टन से घटकर 48,000 टन ही होने का अनुमान है। उद्योग का उत्पादन अनुमान पिछले साल के लगभग बराबर 45,000 टन ही होने का है। निर्यात घटा : चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान भारत से काली मिर्च के निर्यात में 14 फीसदी की कमी आई है। इस दौरान निर्यात घटकर 10,500 टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 12,250 टन का निर्यात हुआ था। बंगलुरू के काली मिर्च निर्यातक अनीश रावथर ने बताया कि इंडोनेशिया और वियतनाम में स्टॉक कम है इसीलिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में काली मिर्च के भाव बढ़कर 5.51 डॉलर प्रति किलो हो गए है जबकि पिछले महीने इसका भाव 5.40 डॉलर प्रति किलो था। पिछले साल की समान अवधि में कालीमिर्च का भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में 3.46 डॉलर प्रति किलो था। फरवरी में आंशिक गिरावट की संभावना : केदारनाथ एंड संस के पार्टनर अजय अग्रवाल ने बताया कि जनवरी के आखिर में घरेलू फसल की आवक बढ़ जायेगी। फरवरी-मार्च में वियतनाम में नई फसल की आवक शुरू हो जायेगी। इसीलिए काली मिर्च की कीमतों में फरवरी में आंशिक गिरावट आने की आशंका है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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