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31 दिसंबर 2010

आवक में कमी से जौ में उछाल

नई दिल्ली December 30, 2010
कम आवक के बीच जौ की मांग बढऩे का असर इसकी कीमतों पर देखा जा रहा है। इस माह जौ की कीमतों में 120-150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। कारोबारियों का कहना है कि माल्ट उद्योग की अधिक खरीदारी के कारण जौ की मांग बढ़ी है। उनके मुताबिक मंडियों में जौ की आवक कम होने से भी कीमतों में तेजी को बल मिला है और नई फसल आने के बाद ही कीमतों मे गिरावट के आसार हैं।
इस माह राजस्थान की जयपुर मंडी में जौ के दाम 150 रुपये बढ़कर 1300 रुपये प्रति क्विंटल, हरियाणा की रेवाड़ी मंडी में इसके दाम 120 रुपये बढ़कर 1350 रुपये प्रति क्विंटल और उत्तर प्रदेश की दादरी मंडी में इसके बढ़कर 1320 रुपये प्रति क्विंटल हो चुके हैं। जयपुर मंडी के जौ कारोबारी के.जी. झालानी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि मंडियों में जौ की आवक बहुत कम हो रही है। इस वजह से भी इसके दाम बढ़े हैं। उनका कहना है कि जयपुर मंडी में महज 80-100 बोरी (100 किलोग्राम) जौ की आवक हो रही है। इस वजह से कीमतों में तेजी है। जौ कारोबारी सुताराम शर्मा ने बताया कि इन दिनों माल्ट उद्योग की ओर से जौ की मांग अच्छी चल रही है, जबकि मंडियों में मांग के मुकाबले आवक बहुत कम है। इस कारण जौ कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। आवक कम होने के बारे में सुताराम का कहना है कि देश में पिछले साल के मुकाबले जौ का स्टॉक कम रह गया है। उनके मुताबिक स्टॉक कम होने की वजह जौ के उत्पादन में भारी गिरावट आना है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2009-10 में 13 लाख टन जौ का उत्पादन हुआ है जबकि वर्ष 2008-2009 में 16.90 लाख टन जौ का उत्पादन हुआ था। आने वाले दिनों में जौ की कीमतों के बारे में कारोबारियों को कहना है कि इसके दामों में तेजी बने रहने की संभावना है। झालानी इस संबंध में बताते हैं कि देश में जौ का स्टॉक कम होने के बीच मांग मजबूत बनी हुई है। ऐसे में नई फसल आने तक इसकी कीमतों में तेजी बरकरार रहने की संभावना है। नई फसल के बारे में शर्मा ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर जौ का उत्पादन बढऩे की उम्मीद है। इस बार जौ की बुआई भी बढ़ी है। उनका कहना है फरवरी में नई फसल आने पर जौ की कीमतों में गिरावट के आसार हैं। बकौल शर्मा नई फसल आने के पहले जौ की कीमतें 1400 रुपये प्रति क्विंटल तक जा सकती है। (BS Hindi)

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