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24 दिसंबर 2010

कोल्ड चेन लॉजिस्टिक्स में हैं काफी संभावनाएं

मौका ही मौकाकोल्ड चेन उद्योग का सालाना कारोबार 15 हजार करोड़ का कोल्ड चेन बिजनेस में 20' की दर से हो रही बढ़ोतरीवर्ष 2015 तक इसके 40 हजार करोड़ तक पहुंचने का अनुमानकोल्ड चेन में लॉजिस्टिक्स की हिस्सेदारी सालाना 1,100 करोड़ एनएचबी ने इस वर्ष दी 105 नए कोल्ड स्टोर बनाने की अनुमतिसरकार भी दे रही ध्याननई दिल्ली। खाद्य राज्यमंत्री के.वी. थामस ने कहा है कि सरकार कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था को और दुरुस्त करने पर विचार कर रही है। इससे कम सप्लाई वाले क्षेत्रों में फल-सब्जियों को तुरंत पहुंचाया जा सकेगा। ऐसे में अचानक किसी भी सब्जी या फल की कीमत में भारी बढ़ोतरी की नौबत नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि सरकार फलों एवं सब्जियों के भंडारण के वास्ते कोल्ड स्टारेज की एक विशाल चेन बनाने के लिए समय-समय पर बैठकें कर रही है। थामस यहां आयोजित राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस समारोह के मौके पर पत्रकारों से अलग से बातचीत कर रहे थे। थामस ने देश के कुछ हिस्सों में प्याज की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव के लिए बाजार ताकतों को जिम्मेदार ठहराया। (प्रेट्र)कोल्ड चेन के कारोबार में बढ़ोतरी होने से लॉजिस्टिक्स कंपनियां इसमें निवेश बढ़ा रही हैं। पिछले एक साल में कंपनियों के कारोबार में करीब 15प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) ने चालू साल में अभी तक 105 नए कोल्ड स्टोर (एक उत्पाद से मल्टी उत्पादों के लिए) बनाने की अनुमति दी है। इसलिए आगामी दिनों में लॉजिस्टिक्स के कारोबार में बढ़ोतरी की काफी संभावनाएं हैं। ग्लोबल कोल्ड चेन एलायंस (जीसीसीए) के डायरेक्टर अतुल खन्ना ने कहा कि देश में कोल्ड चेन निर्माण में काफी निवेश हो रहा है, इसीलिए आगामी दिनों में लॉजिस्टिक्स उद्योग का भविष्य काफी उज्ज्वल है। उन्होंने बताया कि देश में कोल्ड चेन उद्योग का सालाना कारोबार 10 से 15 हजार करोड़ का है तथा इसमें 20 फीसदी की दर से बढ़ोतरी हो रही है। उम्मीद है 2015 तक कोल्ड चेन का कारोबार बढ़कर 40 हजार करोड़ का हो जायेगा। कोल्ड चेन में लॉजिस्टिक्स कारोबार (संगठित और असंगठित मिलाकर) सालाना करीब 1,100 करोड़ रुपये का है। जे बी एम इंजीनियंरिग प्रा. लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर जे एम गुप्ता ने बताया कि एक उत्पादन का कोल्ड चेन बनाने के लिए 6,000 रुपये प्रति टन और मल्टी उत्पादों के लिए 8,000 रुपये प्रति टन का खर्च आता है। इसमें तापमान के साथ ही नमी को भी नियंत्रित किया जाता है। कोल्ड चेन में किसान के खेत से बिक्री केंद्र तक फ्रेश उत्पाद पहुंचाना होता है। इसमें ग्राइंडिंग, छटाई, पैकिंग आदि होती है। उन्होंने बताया कि भारत में कोल्ड चेन शुरुआती चरणों में है तथा भविष्य में इसमें अपार संभावनाएं हैं। इसमें फल एवं सब्जियों के अलावा, दलहन, मसालों और अनाजों को स्टोर करने से उनकी लाइफ भी बढ़ती है। देवभूमि कोल्ड चेन प्रा. लि. के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजय अग्रवाल ने बताया कि सीधे खेत से फल एवं सब्जियों की खरीद से किसानों को भी उचित भाव मिलेगा। साथ ही कोल्ड चेन से उपभोक्ताओं को ऑफ सीजन में फल एवं सब्जियां उपलब्ध होंगी।एम जे लॉजिस्टिक सर्विस लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल अरोड़ा ने बताया कि पिछले एक साल में लॉजिस्टिक कारोबार में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। फल एवं सब्जियों की उपलब्धता पूरे साल बनी रहे इसके लिए कोल्ड चेन में काफी निवेश किया जा रहा है। किसान के खेत से ताजा फल एवं सब्जियों को कोल्ड स्टोर तक पहुंचाने और फिर कोल्ड स्टोर से बिक्री केंद्रों तक रेफ्रिजरेटर वैन का सहारा लिया जाता है। एनएचबी के प्रबंध निदेशक विजय कुमार ने बताया कि जून से अभी तक 105 कोल्ड स्टोर बनाने की अनुमति दी गई है। मार्च 2011 तक करीब 150 कोल्ड स्टोर को अनुमति दिए जाने की संभावना है। (Buisness Bhaskar....R S Rana)

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