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26 नवंबर 2010

राजस्थान में रबी की बंपर पैदावार की उम्मीद पर फिरा पानी

जयपुर November 25, 2010
राजस्थान में पिछले पांच दिनों से जारी बारिश ने रबी की बंपर पैदावार की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। नवंबर माह में राजस्थान में बारिश ने 100 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है और इस वजह से खेतों में पानी भर गया है। ज्यादा नमी के कारण एक पखवाड़े पहले बोई गई सरसों, गेहूं और जौ के बीज गलने के कगार पर आ गए हैं। ज्यादा बारिश के कारण इस रबी के बिजाई रकबे में 10 लाख हेक्टेयर की कमी के अनुमान लगाए जा रहे हैं। पिछले पांच दिनों से हो रही बारिश के बीच कृषि वैज्ञानिक फसलों की स्थिति की जानकारी ले रहे हैं। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि मावठ में हल्की वर्षा होती तो फसलों को काफी फायदा मिलता, लेकिन तेज बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है और कुछ समय पूर्व हुई बिजाई के गलने के आसार बन गए हैं। यदि बारिश का दौर शनिवार तक चला तो खराबी निश्चित है।कृषि विभाग ने इस वर्ष रबी में 77.71 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बिजाई का लक्ष्य रखा था। ताजा आंकड़ों के अनुसार 22 नवंबर तक राज्य में 50.29 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रबी की बिजाई हो चुकी है, जो लक्ष्य का 65 फीसदी बैठता है। आंकड़ों के अनुसार 22 नवंबर तक राज्य में मात्र 31 फीसदी गेहूं की बिजाई हो पाई है। कृषि विभाग का मानना है कि इस बारिश से राजस्थान गेहूं की बिजाई में पिछड़ सकता है। गेहूं की बिजाई का समय 20 नवंबर निकल चुका है और इस बारिश से पछेती बिजाई पर भी पानी फिर सकता है। क्योंकि एक तो अभी तक मौसम साफ नहीं हुआ है और दूसरा मौसम साफ होने के बाद भी खेतों में भरे पानी को सूखने में हफ्ते-दस दिन का समय लग सकता है।जयपुर की चांदपोल अनाज मंडी के व्यापारी अजय खंडेलवाल का कहना है कि राज्य में गेहूं की बिजाई पिछड़ी हुई है। इस वर्ष मौसम में गर्मी के कारण किसानों ने पहले सरसों और चने की बिजाई की है। पिछले 20 दिनों में गेहूं की बिजाई शुरू हुई थी, लेकिन मावठ से खेतों में पानी भरने के कारण बिजाई रुक गई है। ज्यादा बारिश से बीजों के गलने की समस्या रहेगी। सरसों व्यापारी अनिल चतर का कहना है कि इस बारिश से सरसों की फसल को भी नुकसान होने की संभावना है। सरसों के प्रमुख उत्पादक जिले भरतपुर, कोटा, बंूदी, करौली, सवाई माधोपुर, धौलपुर, दौसा, टोंक आदि में बारिश के कारण सरसों की फसल गल सकती है। चना व्यापारी श्याम नाटाणी का कहना है कि जहां इस बारिश से अन्य फसलों को नुकसान होने की संभावना है, वहीं चने में इससे फायदा होगा। चने की बिजाई शुरू हुए अभी एक पखवाड़ा बीता है। इस लिए यह बारिश चने को फायदा पहुंचाएगी। यदि किसी जगह ज्यादा बारिश होती है और बीज गलता है तो किसान चने की दोबारा बिजाई कर सकते है क्योंकि चने की बिजाई अभी हो सकती है। (BS Hindi)

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