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18 नवंबर 2010

अक्टूबर में वनस्पति तेलों का आयात 25 फीसदी बढ़ा

रुपये के मुकाबले डॉलर कमजोर होने और घरेलू खपत बढऩे से अक्टूबर महीने में वनस्पति तेलों के आयात में 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़त के साथ अक्टूबर में वनस्पति तेलों का आयात बढ़कर 8.32 लाख टन हो गया है। जबकि तेल वर्ष 2009-10 (नवंबर-09 से अक्टूबर-10) के दौरान रिकार्ड 92.4 लाख टन का आयात हुआ है। सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक डॉ. बी. वी. मेहता ने बताया कि देश में खाद्य तेलों की प्रति व्यक्ति खपत बढ़ी है। इसके अलावा खली का निर्यात कम होने से मिलों का मुनाफा कम हो गया था जिससे तिलहनों की पेराई कम होने के कारण भी खाद्य तेलों के आयात को बढ़ावा मिला है। वैसे भी रुपये के मुकाबले डॉलर कमजोर होने से भी आयातकों को ज्यादा मुनाफा हो रहा है। उन्होंने बताया कि अक्टूबर माह में 8.32 लाख टन वनस्पति तेलों का आयात हुआ है जो पिछले साल की समान अवधि के 6.67 लाख टन से 25 फीसदी ज्यादा है। चालू तेल वर्ष 2009-10 के दौरान देश में रिकार्ड ९2.4 लाख टन वनस्पति तेलों का आयात हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 86.62 लाख टन वनस्पति तेलों का आयात हुआ था। घरेलू बाजार में वनस्पति तेलों का कुल स्टॉक 14.50 लाख टन है जो बीते अक्टूबर के मुकाबले करीब 50 हजार टन कम है। फिलहाल खरीफ तिलहनों की आवकों का दबाव बना हुआ है साथ ही खली में निर्यात मांग अच्छी बनी हुई है। ऐसे में आगामी दिनों में घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की उपलब्धता तो बढ़ेगी लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में भाव तेज होने और ब्याह-शादियों की मांग निकलने से खाद्य तेलों की कीमतों में मजबूती ही बने रहने की संभावना है।बात पते कीतेल वर्ष 2009-10 मे कुल वनस्पति तेल आयात 92.4 लाख टन का रहा है। जो तेल वर्ष 2008-09 के दौरान 86.62 लाख टन रहा था। (Business Bhaskar)

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