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05 अक्तूबर 2010

लहसुन के दाम को लगे निर्यात के पंख

नई दिल्ली 10 04, 2010
विदेशी बाजारों में लहसुन की मांग में आई तेजी के कारण घरेलू बाजार में इसके दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। पिछले चार महीनों के दौरान ही इसके दाम चार गुना हो गए हैं। कारोबारियों के अनुसार लहसुन के दाम में इतने इजाफे के लिए इसकी पैदावार में आई गिरावट भी जिम्मेदार है। दिल्ली की सब्जी मंडियों में पिछले चार महीने के दौरान लहसुन का थोक भाव 20-40 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 70-140 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। लहसुन के मुख्य उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश की मंडियों में इसके दाम तीन गुना बढ़कर 60-100 रुपये प्रति किलोग्राम हो चुके हैं। जबकि इसका खुदरा दाम 200 रुपये प्रति किलोग्राम से भी अधिक है। लहसुन मर्चेंट एसोसिएशन के महासचिव सरदार नत्था सिंह ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि मजबूत निर्यात मांग के कारण लहसुन की कीमतों में लगातार तेजी आ रही है। उन्होंने बताया कि इस बार खाड़ी देशों को होने वाले लहसुन निर्यात में काफी इजाफा हुआ है। भारतीय मसाला बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2010-11 में अप्रैल-अगस्त के दौरान करीब 49.80 करोड़ रुपये मूल्य के 13,250 टन लहसुन का निर्यात किया गया है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान मात्र 6.32 करोड़ रुपये मूल्य के 3,100 टन लहसुन का निर्यात किया गया था। इस तरह इस अवधि के दौरान लहसुन के निर्यात में मूल्य के लिहाज से 688 फीसदी और मात्रा के हिसाब से 327 फीसदी का इजाफा हुआ है।लहसुन की कीमतों में तेजी के बारे में मध्य प्रदेश की इंदौर मंडी के लहसुन कारोबारी सुरेंद्र तिवारी का कहना है कि पैदावार कम होने के कारण लहसुन के दाम बढ़ रहे हैं। तिवारी ने बताया कि पिछले दो साल से लहसुन का उत्पादन घट रहा है, जिससे मंडियों में मांग के अनुसार लहसुन की आपूर्ति नहीं हो रही है। आजादपुर की लहसुन ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र बाबू का कहना है कि पैदावार में कमी के कारण मंडी में रोजाना महज 5-6 गाड़ी लहसुन की ही आवक हो रही है। सिंह ने कहा कि मंडी में इस समय 12-15 हजार कट्टïे (45-50 किलो) लहसुन का ही स्टॉक बचा है, जो नई फसल आने तक की मांग पूरी करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इस कारण आने वाली सर्दियों में लहसुन की मांग और बढऩे के कारण इसके दाम में इजाफा हो सकता है। लहुसन की पैदावार के बारे में राष्टï्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास फाउंडेशन के निदेशक आर पी गुप्ता का कहना है कि मार्च महीने में अधिक गर्मी के कारण लहसुन की फसल को काफी नुकसान हुआ था, जिससे लहसुन की पैदावार में 20 फीसदी तक की गिरावट आई है। गुप्ता ने बताया कि पिछले साल भी देश में लहसुन की पैदावार में गिरावट आई थी। (BS Hindi)

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