कुल पेज दृश्य

14 अक्तूबर 2010

मेंथा निर्यातकों पर घरेलू तेजी और डॉलर की दुहरी मार

घरेलू बाजार में मेंथा तेल की कीमतों में बढ़ोतरी और रुपये के मुकाबले डॉलर कमजोर होने से निर्यातकों के मुनाफे पर दबाव बढ़ रहा है। पिछले डेढ़ महीने में घरेलू मंडियों में मेंथा तेल की कीमतों में 19.4 फीसदी की तेजी आ चुकी है। जबकि अगस्त से अभी तक रुपये के मुकाबले डॉलर में 3.4 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। इसीलिए निर्यात नए निर्यात सौदे नहीं कर रहे हैं। ऐसे में मेंथा तेल की मौजूदा कीमतों में आशंकि गिरावट आ सकती है। एसेंशियल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष जुगल किशोर ने बताया कि घरेलू बाजार में क्रिस्टल बोल्ड के दाम लगातार बढ़ रहे हैं जबकि रुपये के मुकाबले डॉलर कमजोर हुआ है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी दाम बढ़ रहे हैं। लेकिन घरेलू मूल्य और डॉलर की गिरावट ज्यादा होने के कारण अंतरराष्ट्रीय भाव अभी भी निर्यातकों के अनुकूल नहीं हैं। पिछले डेढ़ महीने में मेंथा तेल की कीमतों में 2-3 डॉलर प्रति किलो की मजबूती आई है। अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में दो-तीन डॉलर की और मजबूती आती है तो निर्यातकों को पड़ते लगने लगेंगे। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रिस्टल बोल्ड का दाम सितंबर महीने के शुरू में 20 से 20.50 डॉलर प्रति किलो (सीएंडएफ) था जो बढ़कर 22-24 डॉलर प्रति किलो हो गया है। लेकिन इन भावों में भी पड़ते नहीं लग रहे हैं। ग्लोरियस केमिकल के डायरेक्टर अनुराग रस्तोगी ने बताया कि स्टॉकिस्टों की खरीद से उत्पादक मंडियों में मेंथा तेल की कीमतों में पिछले चालीस दिनों में करीब 170 रुपये प्रति किलो की तेजी आ चुकी है। दस अक्टूबर को चंदौसी में मेंथा तेल का भाव बढ़कर 1040-1045 रुपये प्रति किलो और क्रिस्टल बोल्ड का दाम बढ़कर 1,100-1,110 रुपये प्रति किलो हो गया। लेकिन ऊंचे भावों में मांग घटने से पिछले दो दिनों में करीब 25 रुपये प्रति किलो की गिरावट आ गई। उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक 400-500 ड्रम (प्रतिड्रम 180 किलो) की बनी हुई है। कमजोर मांग को देखते हुए इसकी कीमतों में और भी 40-50 रुपये प्रति किलो का मंदा आने की संभावना है। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2010-11 के पहले पांच महीनों (अप्रैल से अगस्त) के दौरान मेंथा उत्पादों के निर्यात में 16 फीसदी की गिरावट आई है। इस दौरान निर्यात घटकर 7,000 टन का ही हुआ है। जबकि पिछले साल की समान अवधि में 8,325 टन का निर्यात हुआ था। उत्तर प्रदेश मेंथा उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष फूल प्रकाश ने बताया कि चालू सीजन में मेंथा तेल का उत्पादन घटकर 27-28 हजार टन ही होने का अनुमान है जो पिछले के 32-33 हजार टन से कम है। ऐसे में मौजूदा कीमतों में 40-50 रुपये प्रति किलो की आंशिक गिरावट तो आ सकती है लेकिन भारी गिरावट की संभावना नहीं है। (Business Bhaskar....aar as raana)

कोई टिप्पणी नहीं: