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16 सितंबर 2010

अक्टूबर से चीनी में वायदा कारोबार संभव

पहली अक्टूबर से चीनी का वायदा कारोबार शुरू होने की संभावना है। वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) के चेयरमैन बी सी खटुआ ने दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि चालू सीजन में मानसून अच्छा रहा है। गन्ने और दलहनों के बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी हुई है। जिससे चीनी के साथ ही दालों का भी बंपर उत्पादन होने की संभावना है। इससे दलहनों की कीमतों में गिरावट आने की संभावना है। ऐसे में आगामी दिनों में अरहर और उड़द में भी वायदा कारोबार शुरू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिंसों की कीमतों में तेजी-मंदी मांग और सप्लाई के आधार पर आती है न कि वायदा में कारोबार की वजह से। इस समय पांच एक्सचेजों में कमोडिटी का कारोबार हो रहा है तथा दो को सैद्वांतिक रूप से मंजूरी मिल चुकी है। भारत में वायदा बाजार में कमोडिटी के कारोबार में बढ़ोतरी को देखते हुए एक्सचेंजों की संख्या सात-आठ किये जाने की आवश्यकता है। पिछले एक साल में वायदा कारोबार में लगभग 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस अवसर पर उपभोक्ता मामलों के अतिरिक्त सचिव राकेश कक्कड़ ने कहा कि खाद्यान्न की कीमतों में किसानों और उपभोक्ताओं के बीच के अंतर को कम किए जाने की आवश्यकता है। कमोडिटी पार्टिस्पेंटस एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीपीएआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल कुमार अग्रवाल ने कहा कि भारत विश्व में एक आर्थिक शक्ति के रुप में उभर रहा है। इसीलिए वायदा बाजार आयोग को और अधिकार दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव की जरुरत है। इसके अलावा फार्वड रेगूलेशन में भी सुधार की प्रक्रिया चल रही है। इस अवसर पर सीपीएआई के वैकल्पिक अध्यक्ष डी के अग्रवाल ने कहा कि अगले पंद्रह-बीस सालों में कमोडिटी कारोबार में आमूल-चुल परिर्वतन होने की संभावना है। आने वाले समय में प्रवासी भारतीयों को भी भारतीय कमोडिटी एक्सचेंजों में नोन एग्री कमोडिटी के कारोबार की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। इससे हमारा कमोडिटी कारोबार तो बढ़ेगा। इससे भारतीय कमोडिटी एक्सचेंजों को विश्व स्तर पर पहचान मिलेगी। (Business Bhaskar....aar as raana)

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