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16 सितंबर 2010

निर्यातकों की मांग, केस्टर सीड

निर्यातकों की भारी मांग से घरेलू मंडियों में केस्टर सीड की कीमतें बढ़कर रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। गुजरात की उत्पादक मडियों में मंगलवार को केस्टर सीड के दाम बढ़कर 4,000 से 4,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। हालांकि चालू सीजन में केस्टर की बुवाई में लगभग 14प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है लेकिन उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड का बकाया स्टॉक कम है। साथ ही बारिश और मौसम खराब होने से आंध्रप्रदेश की फसल में देरी से भी तेजी को बल मिला है। जयंत एग्रो आर्गेंनिक लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक वामन भाई ने बिजनेस भास्कर को बताया कि निर्यातकों ने सौदे ज्यादा मात्रा में कर लिए हैं जबकि घरेलू बाजार में केस्टर सीड का स्टॉक कम है। इसीलिए तेजी को बल मिला है। चालू सीजन में अभी तक केस्टर तेल का करीब 2.75 लाख टन का निर्यात हो चुका है जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले करीब 25 हजार टन ज्यादा है। निर्यातकों की भारी मांग के कारण ही अप्रैल से अभी तक अंतरराष्ट्रीय बाजार में केस्टर तेल के भाव 25 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। अप्रैल महीने में केस्टर तेल के निर्यात सौदे 1,500 डॉलर प्रति टन की दर से हो रहे थे जबकि मंगलवार को भाव 1,875 डॉलर प्रति टन हो गये। नेमस्ट ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर प्रकाश भाई ने बताया कि उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड का 2.5 से 3 तीन लाख बोरी (एक बोरी-75 किलो) का स्टॉक बचा हुआ है। आंध्रप्रदेश में बारिश और खराब मौसम से नई फसल की आवक में करीब पंद्रह-बीस दिन की देरी हो गई है। इसीलिए भी तेजी को बल मिल रहा है। आंधप्रदेश में चालू महीने के आखिर तक ही आवक बन पायेगी तथा आवक का दबाव अक्टूबर महीने में बनेगा। गुजरात और राजस्थान में केस्टर सीड की नई फसल दिसंबर-जनवरी महीने में आयेगी। नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) पर निवेशकों की खरीद से चालू महीने में केस्टर सीड की कीमतें 6.9 फीसदी बढ़ी हैं। सितंबर महीने के वायदा अनुबंध में पहली तारीख को केस्टर सीड का भाव 3,773 रुपये प्रति क्विंटल था जो मंगलवार को बढ़कर 4,036 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। रोकन ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराइटर रोनक भाई ने बताया कि चालू सीजन में बुवाई क्षेत्रफल में तो बढ़ोतरी हुई ही है साथ ही बारिश भी अच्छी हुई है। ऐसे में चालू सीजन में केस्टर सीड का उत्पादन वर्ष 2009-10 के 9.34 लाख टन से ज्यादा होने का अनुमान है। अक्टूबर में आंध्रप्रदेश की आवक का दबाव बन जायेगा। लेकिन निर्यातकों ने केस्टर तेल के उगाऊ सौदे ज्यादा मात्रा में किए हुए हैं इसलिए मौजूदा कीमतों में गिरावट गुजरात और राजस्थान की नई फसल की आवक बनने के बाद ही आने की संभावना है। (Business Bhaskar...aar as raana)

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