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27 सितंबर 2010

चावल की 9 नई किस्में जारी

केंद्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) ने अधिक पैदावार देने वाली चावल की नौ नई किस्में जारी की हैं। इसमें दो संकर किस्में है। इसके अलावा एक किस्म सिंचित क्षेत्र के किसानों के लिए, दो तराई क्षेत्रों के लिए, एक किस्म कम पानी वाले क्षेत्रों के लिए, दो किस्में तटीय लवणीय क्षेत्रों के लिए तथा एक किस्म बोरो धान की है। इनके काफी अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। सीआरआरआई के निदेशक डॉ. टी. के. आध्या ने बिजनेस भास्कर को बताया कि नई किस्मों से चावल के प्रति हैक्टेयर उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। सिंचित क्षेत्रों के लिए सीआर धान-801 किस्म से पांच टन प्रति हैक्टेयर की पैदावार हासिल की जा सकती है। यह किस्म तैयार होने में 117 दिनों का समय लेती है और इसके चावल के दानों का आकार लंबा और मोटा होता है। सिंचित क्षेत्रों के किसान इसे अपनाकर अधिक पैदावार ले सकते हैं। डॉ. आध्या ने बताया कि संकर किस्म की राजालक्ष्मी और सीआर धान-701 चावल से किसान सात टन प्रति हैक्टेयर तक पैदावार ले सकते हैं। इसमें राजालक्ष्मी तैयार होने में 135 दिन का समय लेती है जबकि सीआर धान-701 किस्म को पकने के लिए 140 दिन का समय लगता है। संकर किस्में पकने में तो कम अवधि लेती ही है, साथ में प्रति हैक्टेयर पैदावार भी ज्यादा होती है। तराई इलाकों के किसानों के लिए भी दो किस्में सीआर धान-401 और सीआर धान-901 किस्में विकसित की गई है। इसमें सीआर धान-401 से किसान पांच टन प्रति हैक्टेयर तक पैदावार ली जा सकती है तथा यह किस्म तैयार होने में 150 दिन का समय लेती है। सीआर धान-901 किस्म से 3.5 टन प्रति हैक्टेयर की पैदावार ली जा सकती है तथा यह 150 दिनों से ज्यादा का समय लेती है। डॉ. आध्या के अनुसार कम पानी वाले क्षेत्रों के लिए सीआर धान-501 किस्म से चार टन प्रति हैक्टेयर की पैदावार ली जा सकती है। यह किस्म तैयार होने में 160 दिनों का समय लेती है और इसके चावल के दानों का आकार लंबा और मोटा होता है। तटीय लवणीय क्षेत्रों कि किसानों के लिए सीआर धान-402 और सीआर धान-403 किस्में विकसित की गई हैं। इसमें सीआर धान-402 किस्म से चार टन प्रति हैक्टेयर की पैदावार ली जा सकती है तथा यह पकने में 150 दिन से ज्यादा का समय लेती है।जबकि सीआर धान-403 किस्म से चार टन की पैदावार होती है तथा यह पकने के लिए 140 दिन का समय लेती है। उन्होंने बताया कि सीआर धान-601 बोरो किस्म से किसान छह टन प्रति हैक्टेयर की पैदावार ले सकते हैं तथा इसकी पकाई के लिए 160 दिन का समय लगता है। (Business Bhaskar....aar as raana)

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