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24 अगस्त 2010

त्योहारी सीजन की मांग बढऩे से थोक बाजार में महंगे होने लगे मेवे

नई दिल्ली August 23, 2010
मांग बढऩे का असर मेवों की कीमतों पर दिखने लगा है। कारोबारियों के मुताबिक त्योहारों का सीजन शुरू होने के कारण मेवों की मांग में इजाफा हुआ है जिससे इनकी कीमतें भी बढऩे लगी हैं।दिल्ली स्थित एशिया के सबसे बड़े मेवा बाजार खारी बावली मंडी में बीते 15 दिनों के दौरान प्रति किलोग्राम काजू के दाम 40 रुपये बढ़कर 420-540 रुपये, बादाम के दाम 30 रुपये बढ़कर 370 रुपये और पिस्ता के दाम 50 रुपये बढ़कर 550-850 रुपये हो चुके हैं। बाजार में देसी किशमिश के दाम 150-180 रुपये और आयातित किशमिश के दाम 350-500 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं। खारी बावली व्यापार महासंघ के प्रधान ऋषि मंगला ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि त्योहारों का सीजन होने के कारण मेवों की मांग बढ़ रही है। इस कारण इनकी कीमतों में तेजी का रुख है।उनका कहना है कि काजू की कीमतों में अधिक तेजी दर्ज की जा रही है। इसकी वजह इस बार देश में काजू की पैदावार पिछले साल से कम होना है। इसके अलावा निर्यात अधिक होने से भी काजू महंगा है।काजू और कोकोआ विकास निदेशालय के एक अधिकारी के मुताबिक काजू की फसल में कीड़े लगने के कारण वर्ष 2009-10 के दौरान देश में इसका उत्पादन 10 फीसदी से अधिक घटकर 6.25 लाख टन रहने का अनुमान है। वर्ष 2008-09 में देश में 6.95 लाख टन काजू का उत्पादन हुआ था। वहीं दूसरी ओर बीते महीनों में काजू का निर्यात भी बढ़ा है। कैश्यू एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के मुताबिक मई में 12 फीसदी और जून में काजू के निर्यात 3 फीसदी का इजाफा हुआ था।मेवों की कीमतों में तेजी की दूसरी वजह दीवाली के लिए कारोबारियों द्वारा इनका स्टॉक करने को भी माना जा रहा है। कारोबारी नवीन कुमार का कहना है कि मेवे की सबसे अधिक खपत दीवाली पर होती है। इसलिए कारोबारियों ने दीवाली की मांग की पूर्ति करने के लिए अभी से स्टॉक करना शुरू कर दिया है। इस वजह से भी मेवों की कीमतों में तेजी का रुख है।आगे मेवों की कीमतों के बारे में कारोबारियों का कहना है कि आने वाले महीनों में नवरात्र, दशहरा, दीवाली सहित कई त्योहार आने वाले हैं। साथ ही शादियों का सीजन भी आने वाला है। ऐसे में मेवे की मांग मजबूत रहने की संभावना है। इसलिए आगे मेवे की कीमतों में तेजी बरकरार रह सकती है। (BS Hindi)

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