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12 अगस्त 2010

माल्ट उद्योग की मांग से बढ़ेगे जौ के दाम

माल्ट कारखानों की मांग बढऩे से जौ की कीमतों में तेजी की संभावना है। चालू सीजन में जौ की पैदावार कम होने से उत्पादक राज्यों की मंडियों में स्टॉक कम है। साथ ही माल्ट कारखानों के पास भी स्टॉक घट गया है। पिछले एक सप्ताह में वायदा बाजार में जौ के दाम करीब चार फीसदी और हाजिर में दो फीसदी बढ़े हैं। स्टॉकिस्टों की कमजोर बिकवाली से आगामी दिनों में मौजूदा कीमतों में तेजी की ही उम्मीद है। श्रीगिरी राज ट्रेडिंग कारपोरेशन के प्रोपराइटर सीताराम शर्मा ने बताया कि राजस्थान मंडियों में करीब 18-20 लाख बोरी का ही स्टॉक बचा है। इसके अलावा माल्ट कारखानों के पास स्टॉक घटकर 7-8 लाख बोरी रह गया है। नई फसल आने में अभी करीब सात महीने का समय शेष है। इसीलिए स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम कर दी है। घरेलू मंडियों में जौ की कीमतों में तेजी आई है। राजस्थान की मंडियों में जौ के भावों में करीब 25 रुपये की तेजी आकर भाव 1040-1050 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। उधर प्लांट डिलीवरी पहुंच भाव बढ़कर 1140-1150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। राजस्थान में जौ के दैनिक सौदे 18 से 20 हजार बोरियों के हो रहे हैं। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार वर्ष 2009-10 में जौ का उत्पादन 13 लाख टन ही होने का अनुमान है, जो वर्ष 2008-09 के 16.9 लाख टन से करीब 3.9 लाख टन से कम है। अलवर व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बताया कि माल्ट कारखानों की मांग पहले की तुलना में बढ़ गई है। जबकि उत्पादक मंडियों में स्टॉक कम है। इसीलिए सितंबर तक जौ की मौजूदा कीमतों में और भी 75-100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ सकती है। हालांकि अक्टूबर में नए बाजरा की आवक बनने पर जौ की पशु आहार के लिए मांग कम हो जाएगी। हरियाणा के जौ के थोक कारोबारी राजीव बंसल ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में जौ की कीमतों में करीब 25-30 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। प्लांट डिलीवरी जौ का भाव बढ़कर 1150-1160 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। कमजोर स्टॉक और माल्ट निर्माताओं की मांग से आगामी दिनों में इसकी कीमतों में और भी तेजी बनने की संभावना है। हाजिर में आई तेजी के कारण वायदा बाजार में पिछले एक सप्ताह में जौ की कीमतों में करीब छह फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है। (Business Bhaskar....aar as raana)

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