कुल पेज दृश्य

26 अगस्त 2010

धातुओं के दाम में आ सकती है और नरमी

नई दिल्ली August 25, 2010
अमेरिका में बिगड़ते आर्थिक हालात और यूरोप में आर्थिक गतिविधियां धीमा पडऩे से धातुओं की कीमतों में नरमी आने लगी है। धातु विश्लेषकों के मुताबिक आने वाले दिनों में धातुओं की कीमतों में और गिरावट आ सकती है। उनके मुताबिक बीते दिनों में धातुओं के दाम काफी बढ़ चुके हैं, इसलिए बाजार में बिकवाली के चलते इनकी कीमतों में गिरावट को बल मिलने की संभावना है। ऐंजल ब्रोकिंग के वरिष्ठ धातु विश्लेषक अनुज गुप्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि हाल ही में आए अमेरिका में बेरोजगारी के आंकडों बढ़े है और निर्माण क्षेत्र के विकास की दर भी धीमी है। इसके अलावा यूरोप में आर्थिक हालातों में सुधार की गति धीमी है। इस वजह से धातुओं की कीमतों में गिरावट का दौर शुरू हो गया है। मंगलवार को लंदन मेटन एक्सचेंज (एलएमई)में तांबा तीन माह अनुबंध दो सप्ताह के उच्चतम स्तर 7461 डॉलर प्रति टन तक जाने के बाद घटकर 7,195 डॉलर प्रति टन पर आ गया, एल्युमीनियम 2,102 डॉलर से घटकर 2,031 डॉलर, सीसा करीब 2,131 डॉलर से घटकर 2,019 डॉलर, निकल 22,275 डॉलर से घटकर 20,750 डॉलर और जस्ता 2,136 डॉलर से घटकर 2,000 डॉलर प्रति टन पर आ गया।वहीं घरेलू बाजार में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में मंगलवार पिछले एक सप्ताह के मुकाबले तांबा अगस्त वायदा 341.45 से गिरकर करीब 334.10 रुपये, एल्युमीनियम अगस्त वायदा 98.05 रुपये से घटकर 94.65 रुपये, जस्ता अगस्त वायदा 98.65 रुपये से घटकर 92.45 रुपये, सीसा अगस्त वायदा 98.50 रुपये से घटकर 93.20 रुपये प्रति किलो पर बंद हुआ।बुधवार को भी एमसीएक्स और एलएमई में धातुओं की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। धातुओं की कीमतों के बारे में कमोडिटी इनसाइटडॉटकॉम के धातु विश्लेषक अभिषेक शर्मा ने कहा कि बीते दिनों में धातुओं के दाम काफी बढ़ गए हैं, जबकि मांग में कोई खास बढ़ोतरी दर्ज नहीं की गई और मांग अभी भी कमजोर है और चीन ने मौद्रिक नीति कठोर कर दी है। इसका चीन के औद्योगिक उत्पादन पर नकारात्मक असर पडऩे की आशंका है। ऐसे में चीन में धातुओं की मांग कम हो सकती है। शर्मा ने कहा कि ऊंचे भाव पर अब बाजार में मुनाफावसूली देखी जा सकती है, जिससे आने वाले दिनों में धातुओं की कीमतों में और गिरावट आने की संभावना है। इस बारे में शेयरखान कमोडिटीज के धातु विश्लेषक प्रवीण सिंह का कहना है कि जुलाई-सितंबर अवधि के दौरान आमतौर पर धातुओं की मांग कम रहती है। (BS Hindi)

कोई टिप्पणी नहीं: