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20 अगस्त 2010

कीटों के हमले और तेज बारिश से चाय  ठंडी

August 19, 2010
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में हुई जोरदार बारिश और कीटों के हमले से चाय उद्योग का मुनाफा अच्छा खासा प्रभावित हुआ है। चाय कंपनियों का वित्तीय प्रदर्शन, बल्क और ब्रांडेड चाय से राजस्व में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 1417.33 करोड़ हो गया। वहीं परिचालन मुनाफा 38.51 प्रतिशत गिरकर 151.94 करोड़ रुपये हो गया। चाय की बिक्री पर मुनाफे में 40.28 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। विश्व की सबसे बड़ी बल्क चाय उत्पादक कंपनी मैक्लियोड रसेल इंडिया के प्रबंध निदेशक आदित्य खेतान ने कहा, 'फसलों के नुकसान के चलते वित्तीय प्रदर्शन खराब हुआ है, हालांकि पहली तिमाही पूरे साल के कारोबार के लिए सूचक नहीं है।'उत्तर बंगाल और असम में चाय की फसलों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा है। असम में लगातार दो महीने उत्पादन में गिरावट आई और मई तथा जून 2010 में स्थिति खराब रही। मई महीने में इस इलाके में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 30 लाख किलो का नुकसान हुआ। वहीं जून महीने में असम और पश्चिम बंगाल दोनों ही राज्यों में चाय की फसलों को अधिकतम नुकसान हुआ। पहली तिमाही के दौरान उत्तरी बंगाल और असम में चाय की औसत कीमतें 119.12 रुपये प्रति किलो रहीं। दक्षिण भारत में हालांकि पिछले साल की तुलना में फसल अच्छी थी, जिसकी वजह से वहां चाय की कीमतों में गिरावट देखी गई। अप्रैल से जून के बीच दक्षिण भारत में चाय की कीमतें औसतन 66.36 रुपये प्रति किलो रहीं। चाय की ब्रांडेड कंपनी- टाटा ग्लोबल बेवरिज के मुनाफे में इस दौरान कमी देखने को मिली, क्योकि बल्क टी मार्केट में सत्र की शुरुआत मजबूती के साथ हुई। पहली तिमाही में चाय कंपनियों का प्रदर्शन खराब रहा है, उम्मीद की जा रही है कि आने वाले महीनों में कीमतों में तेजी आएगी। (BS Hindi)

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