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25 जून 2010

सरकारी गेहूं की बिक्री जुलाई से ही शुरू होने की उम्मीद

सीजन खत्म होने के बाद भी इस बार गेहूं के दाम संभवत: ज्यादा नहीं बढ़ेंगे क्योंकि केंद्र सरकार खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की बिक्री जल्दी शुरू कर देगी। यह बिक्री फ्लोर मिलों और दूसर औद्योगिक उपभोक्ताओं को की जाएगी। पिछले साल सरकार ने अक्टूबर के बाद ही अपने भंडार से गेहूं की बिक्री शुरू की थी जबकि इस साल जुलाई से बिक्री शुरू कर देगी। पिछले साल सरकारी गेहूं बाजार में आने से पहले ही खुले बाजार में भाव काफी बढ़ गए थे। इस साल सरकार 50 लाख टन गेहूं ओएमएसएस के तहत बेचने की मंजूरी दे सकती है। इस पर फैसला शुक्रवार को अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह (ईजीओएम) की बैठक में हो सकता है। पिछले साल ओएमएसएस के तहत आवंटित किए गए 20.81 लाख टन में से 8.32 लाख टन गेहूं का अभी भी उठान नहीं हो पाया है। केंद्र सरकार ओएमएसएस के तहत गेहूं का आवंटन बढ़ाएगी, लेकिन कीमतें ज्यों की त्यों रखेगी। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री बढ़ाने के लिए लंबी अवधि की योजना बनाई जा रही है। इसमें जुलाई से मार्च के लिए करीब 50 लाख टन गेहूं का आवंटन किया जाएगा। दिल्ली में ओएमएसएस के तहत निविदा भरने का न्यूनतम भाव पूर्वस्तर 1,254 रुपये, पंजाब तथा हरियाणा में 1,240 रुपये तथा मध्य प्रदेश में 1,310 रुपये प्रति `िंटल ही रहेगा। गेहूं की बिक्री पहले की तरह निविदा के आधार पर ही होगी। बिक्री नियमों में फ्लोर मिलों को राहत देने के लिए निविदा भरने की अधिकतम सीमा 1,000 `िंटल से बढ़ाए जाने जाने की संभावना है, ताकि मिलें ज्यादा गेहूं खरीद सकें। सूत्रों के अनुसार 25 जून को अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह (ईजीओएम) की बैठक में इस पर फैसला होने की संभावना है। पिछले साल सरकार ने अक्टूबर से गेहूं की बिक्री शुरू की थी। जून तक के लिए 20.81 लाख टन गेहूं का आवंटन किया गया था। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के सूत्रों के अनुसार कुल आवंटन में से अभी तक केवल 12.49 लाख टन गेहूं की निविदा भरी गई हैं। इसमें से 12.33 लाख टन गेहूं का उठान हो पाया है। करीब 8.32 लाख टन गेहूं अभी बचा है।चालू विपणन सीजन 2010-11 में गेहूं की खरीद कम होने के बाद भी केंद्र सरकार के पास एक जून को 351.62 लाख टन गेहूं का भारी-भरकम स्टॉक बचा हुआ है जबकि तय मानकों (बफर) के हिसाब से एक जुलाई को केंद्रीय पूल में 171 लाख टन गेहूं का स्टॉक होना चाहिए। जून में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और अन्य योजनाओं के तहत 18-20 लाख टन गेहूं का उठान होने के बाद भी एक जुलाई को 330 लाख टन से ज्यादा गेहूं का स्टॉक बचेगा। चालू विपणन सीजन में भारतीय खाद्य निगम ने अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर करीब 224 लाख टन गेहूं ही खरीदा है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 244 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी थी। पिछले साल कुल खरीद 253 लाख टन से ज्यादा की हुई थी।बात पते कीसरकार के पास गेहूं का भारी-भरकम स्टॉक बचा है। फ्लोर मिलों को ज्यादा गेहूं खरीद की अनुमति दे सकती है। अभी वे अधिकतम 1,000 टन गेहूं खरीद सकती हैं। बिक्री के लिए गेहूं आवंटन 50 लाख टन हो सकता है लेकिन मूल्य पिछले साल के बराबर ही रहेंगे। (बिज़नस भास्कर.....आर अस राणा)

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