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16 जून 2010

मिर्च के संकर बीजों की बिक्री में बढ़ोतरी

किसानों की दिलचस्पी मिर्च उगाने में बढ़ रही है। वे संकर बीजों से मिर्च की खेती कर रहे हैं। यही वजह है कि बीज कंपनियों की मिर्च के बीजों की बिक्री तेजी से बढ़ रही है। टमाटर के बीजों की भी बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज हो रही है। मिर्च की मांग फार्मा कंपनियों की ओर से बढ़ रही है। इन कंपनियों की मांग को देखते हुए ही किसानों की इसमें दिलचस्पी बढ़ रही है। रासी सीड प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक डॉ। अरविंद कपूर के अनुसार मिर्च में कैपसियासिन नामक रसायन मिलता है। यह रसायन दवा निवारक दवा बनाने में इस्तेमाल होता है।कपूर ने बताया कि कंपनी सालाना मिर्च के 80 टन संकर बीजों की ब्रिकी कर रही है। इसका मूल्य करीब 200 करोड़ रुपये का है। इसकी बिक्री में सालाना आठ से दस फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है। इसके अलावा टमाटर के संकर किस्मों की बिक्री में भी करीब दस फीसदी का इजाफा हुआ है। टमाटर के बीजों की सालाना बिक्री करीब 70 टन होती है जिसकी बाजार में कीमत करीब 150 करोड़ रुपये का है। उन्होंने दावा किया कि संकर किस्म के बीजों के इस्तेमाल से फसल कम अवधि में तैयार होती है। इसके अलावा संकर बीजों का प्रति हैक्टेयर उत्पादन ज्यादा होता है जबकि कीटों का प्रकोप भी कम होता है। डॉ. कपूर ने बताया कि रासी सीड संकर किस्म के बीजों में कीटों का प्रकोप और कम करने के लिए अनुवांशकीय रूप से परिवíतत बीजों (जीएम) पर शोध कर रही है। इसके अलावा फसलों में वायरस का प्रकोप रोकने के लिए भी प्रतिरोधी किस्म विकसित की जा रही है। रासी सीड का कपास की बीजों की बिक्री में कुल हिस्सेदारी 25 फीसदी है। कपास बीज की कुल बिक्री में बॉलगार्ड-2 (बीजी-2) की हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी है। डॉ. कपूर का कहना है कि बीजी-1 की फिलहाल मांग अधिक है। लेकिन धीर-धीर किसान बीजी-2 की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे बीजी-2 की मांग और बढ़ने की संभावना है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)

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