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25 मई 2010

खरीफ में घट सकती है तिलहन की बुआई

मुंबई May 24, 2010
भारत में बड़ी मात्रा में तिलहन अभी पेराई के लिए बचा है। साथ ही तिलहन और खाद्य तेल की कीमतें भी घट रही हैं। इसकी वजह से किसान खरीफ सत्र में तिलहन की बुआई से मुंह मोड़ सकते हैं।
कैपिटल लाइन के एक अध्ययन के मुताबिक अभी भी पेराई के लिए 145 लाख टन तिलहन पड़ा हुआ है। इसके अलावा राइस ब्रान भी बड़ी मात्रा में है। अगर स्थानीय बीज के प्रसंस्करण को प्रोत्साहित नहीं किया गया तो खरीफ सत्र में तिलहन की बुआई पर असर पड़ सकता है।
इसके लिए वनस्पति तेल पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी करनी होगी या 4 साल के लिए बेस रेट तय करना होगा। अगर ऐसा नहीं किया गया तो अग्रिम स्टॉक खतरनाक स्तर पर पहुंच जाएगा। साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के आंकड़ों के मुताबिक 1 मई 2010 को खाद्य तेल का स्टॉक विभिन्न बंदरगाहों पर अनुमानित रूप से 575,000 टन है।
इसमें क्रूड पाम ऑयल 355,000 टन, आरबीडी पामोलीन 90,000 टन, सोयाबीन तेल 65,000 टन और सूरजमुखी तेल 65,000 टन है। इसके अलावा 6,50,000 टन के सौदे और हुए हैं। इस तरह से 1 मई 2010 को कुल स्टॉक 1,225,000 टन के करीब होगा, जो देश के 1 माह की जरूरतों के बराबर है।
इसके साथ ही सोयाबीन की कीमतें मई 2009 के 26,000 रुपये प्रति टन से गिरकर इस समय 18,000 रुपये प्रति टन पर पहुंच गई हैं। साथ ही तिल के तेल की कीमतें 62,000 रुपये प्रति टन से गिरकर 51,000 रुपये प्रति टन पर आ गई हैं।
एसईए के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा- तिलहन की कीमतें इस समय बहुत कम हैं और पेराई के लिए बहुत ज्यादा स्टॉक है। इसके परिणामस्वरूप अगर किसानों के पास कोई दूसरा विकल्प होगा तो वे तिलहन की बुआई नहीं करेंगे, वे कपास या किसी अन्य फसल की ओर आकर्षित हो सकते हैं।
दुनिया के सबसे बड़े पाम आयल उत्पादक देश मलेशिया में उत्पादन का कमजोर मौसम खत्म हो चुका है, जिसकी वजह से कीमतें गिर रही हैं। इसके साथ ही उम्मीद है कि ब्राजील, अमेरिका और अर्जेंटीना में सोयाबीन की फसल बेहतर होगी, जो इसके बड़े उत्पादक देश हैं। इसका कीमतों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि चीन और भारत में मांग कम है।
कैपिटल लाइंस के विश्लेषण में कहा गया है कि कच्चे तेल की कीमतों के वायदा कारोबार में 18 प्रतिशत की गिरावट मई महीने के कारोबार में आई है। वहीं रिफाइंड ब्लीच्ड ऐंड डियोडोराइज्ड (आरबीडी) पाम ऑयल की कीमतें भी अप्रैल में गिरी हैं। सोयाबीन तेल में भी गिरावट बहुत ज्यादा रही है।
आरबीडी पाम ऑयल की कीमतें 5.11 प्रतिशत गिरकर अप्रैल 2010 में 391.96 रुपये प्रति 10 किलो रह गईं, जबकि अप्रैल 2009 में इसकी कीमतें 413.08 रुपये प्रति 10 किलो थीं।
ज्यादा स्टॉक और कीमतों में गिरावट का पड़ेगा असर
कैपिटल लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक अभी भी घरेलू बाजार में पेराई के लिए पड़ा है 145 लाख टन तिलहनपिछले एक साल से तेल की कीमतों में लगातार हो रही है गिरावटज्यादा उत्पादन के चलते वैश्विक बाजार में नरमी (बीएस हिंदी)

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