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05 मई 2010

टायर होंगे 25फीसदी महंगे!

नेचुरल रबर में आई भारी तेजी से टायरों की कीमतें 25 फीसदी तक बढ़ सकती है। दिसंबर 2008 से अब तक नेचुरल रबर की कीमतों में 153 फीसदी की तेजी आ चुकी है। दिसंबर 2008 में कोच्चि में नेचुरल रबर का दाम 65 रुपये प्रति किलो था, जबकि मंगलवार को भाव 160 रुपये प्रति किलो हो गया। वर्ष 2010-11 में भारत में नेचुरल रबर का उत्पादन खपत के मुकाबले 8।6 फीसदी कम रहने का अनुमान है, जबकि विदेश में दाम ज्यादा होने से आयात भी महंगा पड़ रहा है। ऑटोमोटिव टायर मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (एटीएमए) के अध्यक्ष नीरज कंवर ने मंगलवार को यहां पत्रकारों को बताया कि नेचुरल रबर में आई भारी तेजी से उद्योग की लागत काफी बढ़ गई है। इसलिए आने वाले दिनों में टायरों की कीमतों में 20-25 फीसदी की बढ़ोतरी होने की संभावना है। अप्रैल में उद्योग ने टायर की कीमतों में तीन से पांच फीसदी की ही बढ़ोतरी की थी। जून में इसके दाम फिर से तीन से पांच फीसदी बढ़ेंगे। इस अवसर पर आल इंडिया रबर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (एआईआरआईए) के अध्यक्ष टी के मुखर्जी ने कहा, द्योग को बचाने के लिए सरकार को नेचुरल रबर के आयात पर शुल्क को मौजूदा 20 फीसदी से घटाकर शून्य कर देना चाहिए। वहीं, नेचुरल रबर के वायदा कारोबार पर रोक लगाई जानी चाहिए। भारत से नेचुरल रबर के निर्यात पर भी रोक लगाई जाए। इंडियन साइकिल एंड रिक्शा टायर मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रूमी छाबड़ा ने कहा, उत्पादन लागत बढ़ जाने के कारण हमें टायरों की कीमतों में करीब 20 फीसदी बढ़ोतरी करनी चाहिए थी, लेकिन साइकिल व रिक्शा चालकों की कम आमदनी को देखते हमने उस अनुपात में दाम नहीं बढ़ाए हैं। हालांकि, उद्योग भी एक सीमा तक ही बोझ उठा सकता है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)

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