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29 अप्रैल 2010

सोयामील के निर्यात में भारत को कड़ी टक्कर

निर्यातकों की मांग कमजोर होने से सोयामील की कीमतों में लगातार गिरावट का रुख बना हुआ है। भारत के मुकाबले अमेरिका, अर्जेटीना और ब्राजील की सोयामील के दाम कम हैं। इसीलिए भारत के मुकाबले इन देशों से निर्यात मांग बढ़ रही है।इस समय भारत में बंदरगाह पर सोयामील का भाव 370-375 डॉलर प्रति टन है जबकि अर्जेटीना की सोयमील का भाव 280-282 डॉलर प्रति टन (एफओबी) चल रहा है। भारत से इंडानेशिया और मलेशिया का शिपमेंट खर्च 45 डॉलर और अर्जेंटीना से 65 डॉलर प्रति टन पड़ता है। इस लिहाज से आयातक देशों को अर्जेटीना का सोयामील सस्ता पड़ रहा है।सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रवक्ता राजेश अग्रवाल ने बताया कि भारत के मुकाबले अर्जेटीना, अमेरिका और ब्राजील की सोयामील के दाम कम हैं इसीलिए भारत से निर्यात मांग कमजोर बनी हुई है। मार्च महीने में भारत से सोयामील के निर्यात में 23।78 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 1,69,861 टन रहा। जबकि पिछले साल मार्च में 2,22,639 टन निर्यात हुआ था। वित्त वर्ष 2009-10 के दौरान निर्यात में करीब 50.31 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई। इस दौरान कुल निर्यात मात्र 21.35 लाख टन का ही हुआ जबकि पिछले साल 42.45 लाख टन का निर्यात हुआ था। राजेश अग्रवाल ने कहा कि भारत के मुकाबले अर्जेटीना की सोया खली के दामों में अंतर ज्यादा है। जिसका असर भारत से निर्यात मांग पर पड़ रहा है। हमार यहां अभी सिर्फ 40-45 फीसदी सोयाबीन की ही पेराई हो पाई है। सोयामील और तेल की मांग कम होने के कारण प्लांटों को भी पड़ते नहीं लग रहे हैं। नीचे दाम पर स्टॉकिस्टों और किसानों की बिकवाली न आने से सोयाबीन की मौजूदा कीमतों में और गिरावट की संभावना भी कम है। इंदौर में सोयाबीन के दाम करीब 2025 रुपये प्रति `िंटल चल रहे हैं। साई सिमरन फूड लि. के डायरक्टर नरश गोयनका ने बताया कि जनवरी में सोयामील के दाम बंदरगाह पर पहुंच 413 डॉलर प्रति टन थे, जो घटकर 370-375 डॉलर प्रति टन रह गए हैं। चूंकि अर्जेटीना व ब्राजील में सोयाबीन के उत्पादन में भारी बढ़ोतरी हुई है इसलिए इनकी बिकवाली कम भाव पर आ रही है। अर्जेटीना में सोयाबीन का उत्पादन पिछले साल के 380 लाख टन से बढ़कर 525 लाख टन और ब्राजील में 470 लाख टन से 675 लाख टन होने की संभावना है। हालांकि चीन जो अर्जेटीना से सोया तेल का सबसे ज्यादा आयात करता है, क्वालिटी को लेकर नए आयात सौदे नहीं कर रहा है।चीन ने मई महीने के लिए अर्जेटीना से कोई भी आयात सौदा नहीं किया है। ऐसे में अब चीन की खरीद अमेरिका व ब्राजील से होने की संभावना है। इसीलिए अमेरिका और ब्राजील में सोयाबीन के दाम बढ़े हैं। इसका आंशिक असर घरलू बाजार में भी सोयाबीन और सोया तेल की कीमतों पर देखा जा सकता है। लेकिन सोया खली कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। (बिज़नस भास्कर......आर अस राणा)

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