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29 अप्रैल 2010

त्योहारी मांग और कीमतों में स्थिरता से सोने में चमकेगी मांग

मुंबई April 28, 2010
सोने की कीमतों में स्थिरता, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में उछाल और त्योहारी मौसम आने से विश्लेषकों का मानना है कि भारत में सोने की मांग मजबूत रह सकती है।
ग्रीस के लिए यूरोपीय संघ की आर्थिक सहानुभूति की वजह से सोने की कीमतें सीमित दायरे में 1090-1167 डॉलर प्रति औंस के बीच रही। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार आने से दूसरी परिसंपत्तियों जिनमें रियल एस्टेट, बॉन्ड और अमेरिकी ट्रेजरी शामिल है, में भरोसा कायम हुआ जिससे सोने की कीमतों में भी थोड़ी कमी आई।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) की हालिया रिपोर्ट से संकेत मिलते हैं कि सोने की औसत कीमत में बढ़ोतरी हुई और मौजूदा साल की पहली तिमाही में पिछली तिमाही के 1,099.63 डॉलर प्रति औंस के मुकाबले 1,109.12 डॉलर प्रति औंस हो गया। पूरी तिमाही के दौरान सोने का कारोबार 1,058 डॉलर प्रति औंस और 1,153 डॉलर प्रति औंस के बीच रहा।
कुछ कारकों की वजह से कीमतों को समर्थन मिला लेकिन दूसरी वजहों ने कीमतों में बढ़ोतरी पर लगाम लगाई। वैश्विक कंसंल्टेंसी कंपनी जीएफएमएस ने इस महीने के शुरू में यह घोषणा की है कि इस दशक के अंत तक सोने की कीमतें 3000 डॉलर प्रति औंस को छू लेगी। रुपये के लिहाज से सोना इस साल की शुरुआत से 16200-16900 प्रति 10 ग्राम के सीमित दायरे में रहा।
एक सर्राफा कारोबारी पुष्पक बुलियन के केतन श्रॉफ का कहना है, 'सामान्य तौर पर ग्राहक उतार-चढ़ाव के दौर में खरीदारी करने से बचते हैं। कीमतों में अचानक तेजी आई और यह लगभग 17,000 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया है ऐसे में ग्राहक खरीदारी करने से बचते हैं। लेकिन अगर कीमत इस स्तर पर बनी रही तो मांग में फिर से तेजी आएगी।'
इस बीच डब्ल्यूजीसी ने आने वाले त्योहारी मौसम के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। डब्ल्यूजीसी के दक्षिण पश्चिम एशिया और भारत के प्रबंध निदेशक अजय मित्रा का कहना है, 'इस साल हमने बैसाखी, पोइला बैसाख, गुडी पडवा, लोहड़ी, उगाडी, तमिलनाडु का नया साल, विशु और गुरुपुष्य अमृत के लिए तैयारी की है। भविष्य में हमारी योजना अक्षय तृतीया जैसे त्योहारों को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने की है। (बीएस हिंदी)

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